इस मछली का एक किलो वजन होता है एक दांत...लाखों में है इसकी कीमत

दुनिया के लगभग हर देश के हर कोने में भारतीय रहते हैं। कुछ-कुछ देश तो ऐसे हैं जहां भारतीयों की आबादी बहुत ज्यादा है।

Update: 2020-10-19 05:22 GMT
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| दुनिया के लगभग हर देश के हर कोने में भारतीय रहते हैं। कुछ-कुछ देश तो ऐसे हैं जहां भारतीयों की आबादी बहुत ज्यादा है। ऐसे देशों को 'मिनी हिंदुस्तान' कहना गलत नहीं होगा। दक्षिण प्रशांत महासागर के मेलानेशिया में भी ऐसा ही फिजी नाम का एक द्वीपीय देश है, जहां की करीब 37 फीसदी आबादी भारतीय है और वो सैकड़ों साल से इस देश में रहते चले आ रहे हैं। फीजी में मनपसंद लड़की से शादी करने के लिए बहुत ही खतरनाक काम करना होता है।

शादी से पहले अक्सर प्रेमी जोड़े चांद-तारे तोड़ने की बात करते हैं। लेकिन फीजी में मनपसंद लड़की से शादी करने के लिए स्पर्म व्हेल मछली का दांत तोड़ना पड़ता है। समुद्र की गहराई में जाकर व्हेल के दांत को लाना ठीक वैसा ही है, जैसे आसमान से चांद-तारे तोड़ लाना। फीजी में प्रचलित इस परंपरा को प्रेम की सबसे बड़ी अभिव्यक्ति कहा गया है।

फीजी में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। तबुआ नाम की इस परंपरा के अनुसार लड़के को शादी करने के लिए व्हेल मछली के दांत को दुल्हन के पिता को देना पड़ता है। हालांकि, अब हर कोई समुद्र में जाकर व्हेल का दांत नहीं ला सकता है। क्योंकि ये काम पेशेवर लोग करते हैं। अब खरीदार इस विशाल मछली के दांतों से बनी माला या कोई दूसरी चीज लेकर तोहफे में देते हैं।

मान्यता है कि इस दांत में सुपर-नेचुरल ताकत होती है और इसे रखने पर शादी हमेशा बनी रहती है। इस मान्यता को लेकर फीजी के लोगों की आस्था इतनी गहरी है कि फिजी के पूरे 300 द्वीप समूहों में इस प्रथा को मानने वाले हैं। इस मान्यता को पूरा करने के लिए हर नया जोड़ा जोर-शोर से व्हेल के दांत खोजने और खरीदने में जुट जाता है। शादी के साथ ही इस दांत को मौत और जन्म के मौके पर भी तोहफे की तरह दिया जाता है।

हालांकि, वैज्ञानिक अब तक ये रहस्य को नहीं समझ पाए हैं कि स्पर्म व्हेल के मुंह में इतने सारे और मजबूत दांत क्यों होते हैं? स्पर्म व्हेल एक खास तरह का घोंघा ही खाती है, जिसके लिए ऐसे दांतों को कोई जरूरत नहीं है। आज के समय में लगभग सभी जीव-जंतुओं में गैरजरूरी अंग गायब हो चुके हैं। ऐसे में स्पर्म व्हेल के दांत क्यों बने हुए हैं, इसका कारण किसी को नहीं पता है।

फीजी में केवल तबुआ ही नहीं बल्कि और भी अन्य मान्यताओं के कारण स्पर्म व्हेल को मारा जा रहा है। इसी वजह से ये मछली अब दुर्लभ हो चुकी है। स्पर्म व्हेल मछली के दांत इतने बेशकीमती माने जाने लगे हैं कि एक दांत का एक छोटा सा हिस्सा लगाए हुए माला भी लाखों में मिल रही है।

      

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