भूतों के भेष में मनाया जाता है यह त्यौहार, कब्रिस्तान में अजीब तरह से होता है नाच-गाना

कब्रिस्तान में अजीब तरह से होता है नाच-गाना

Update: 2023-10-05 11:20 GMT
दुनिया भर में लोग तरह-तरह के त्योहार मनाते हैं। जिसे हम अपनों के साथ सेलिब्रेट भी करते हैं और ऐसा हो सकता है कि हम त्योहार का मतलब ही सिर्फ खुशियां मान लेते हैं। लेकिन एक ऐसी जगह है जहां अजीबो गरीब तरह से इस त्यौहार को मनाया जाता है। यह सुन कर आप हैरान हो सकते हैं कि अपने किसी मृत संबंधी की याद में 'डे ऑफ द डेड फेस्टिवल' त्यौहार को मनाया जाता है। 'डे ऑफ द डेड फेस्टिवल' मृत प्रियजनों के प्रति प्यार और सम्मान को दर्शाता है। इस दिन लोग कब्रिस्तान में जाकर प्रसाद चढ़ाते हैं और अनोखे पहनावे में नाच-गाना करते हैं।
कैसे दिया जाता हैं दुनिया में मृतात्माओं को श्रद्धांजलि
हमारे समाज में ऐसा माना जाता है कि इंसान की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा भटकती है। दुनिया के कई हिस्सों में इन मृतात्माओं को श्रद्धांजलि देने के लिए पितृ पक्ष, पिंडदान, श्राद्ध, फातिहा करना और हैलोवीन जैसा त्योहार मनाया जाता है। आपको बता दें, मैक्सिको में भी अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में एक ऐसा ही त्योहार डे ऑफ डेड मनाया जाता है, लेकिन इस फेस्टिवल की भावना हैलोवीन या अनेक संस्कृति से बिल्कुल अलग है।
डे ऑफ द डेड फेस्टिवल मृतकों के सम्मान में मनाया जाने वाला एक त्यौहार होता है। मैक्सिकन अलग तरीकों, अनुष्ठानों और परंपराओं के माध्यम से अपने मृत प्रिय जनों के प्रति प्यार और सम्मान दिखाते हैं। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, डे ऑफ द डेड की जड़ें मेसोअमेरिकन नहुआ लोगों द्वारा किए जाने वाले मृत्यु अनुष्ठानों से लगभग 3000 वर्ष पहले तक फैली हुई है।
कैसे पहुंचती हैं आत्माएं अंडरवर्ल्ड विश्राम स्थल
उनके मुताबिक मृत्यु को जीवन के अंत के रूप में नहीं देखा जाता था, बल्कि जीवन और मृत्यु को एक ही चक्र के हिस्से के तौर पर माना जाता था। नाहुआ का मानना था कि मृतकों की आत्माओं ने मिकटलान, उसके अंतिम अंडरवर्ल्ड विश्राम स्थल, में पहुंचाए जाने से पहले चिकुनामिक्ट्लान (मृतकों की भूमि) की यात्रा की थी। इस दिन पूरे मैक्सिको में लोग विचित्र प्रकार का शृंगार करते हैं, अजीबोगरीब पोशाक पहनते हैं और सामूहिक परेड का आयोजन भी करते हैं।
किस तरह का माहौल होता है कब्रिस्तानों में और सड़कों पर
डेजर्ट म्यूजियम के मुताबिक, मेक्सिको में, मृतकों की आत्माओं का स्वागत करने के लिए घरों में लास ऑफ़्रेंडास (प्रसाद) नामक वेदियां स्थापित की जाती हैं। घर की वेदियों को गेंदे (मृतकों का फूल) से सजाया जाता है। मेक्सिकन पसंदीदा व्यंजन जैसे टमाले, टॉर्टिला, कद्दू और तिल, मोमबत्तियाँ, धूप (कोपल), खिलौने, सजावट के सामान और आम तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुएँ। कुछ उदाहरणों में, फूलों की पंखुड़ियों का एक मार्ग आत्माओं को उनके घर की वेदियों तक ले जाने के लिए तैयार किया जाता है।
लोगों का जुलूस कब्रिस्तानों में जाकर मृत प्रियजनों को प्रसाद चढ़ाते हैं। इतना ही नहीं, लोग आत्माओं के स्वागत के लिए बेहद फैंसी और खूबसूरत वेदियां भी बनाते हैं। 2008 में, यूनेस्को ने इस फेस्टिवल को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया है, जिससे इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया। इसके बाद से दुनिया भर से पर्यटक विशेष रूप से इस उत्सव में भाग लेने के लिए मैक्सिको आते हैं। ऐसा कहा जाता है कि हजारों साल पुराना यह फेस्टिवल स्पेन के आक्रमणकारियों द्वारा मेक्सिको लाया गया था। पूर्व हिस्पैनिक काल में शुरू हुआ यह त्योहार पहले ऑल सोल्स डे या ऑल सेंट्स डे के रूप में जाना जाता था।
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