ये प्रसिद्ध मुस्लिम शासक गंगाजल को मानता था स्वर्ग का पानी
दुनियाभर में गंगा को सबसे पवित्र नदी माना जाता है। भारत में गंगा नदी को माता कहा जाता है
दुनियाभर में गंगा को सबसे पवित्र नदी माना जाता है। भारत में गंगा नदी को माता कहा जाता है और लोग गंगा मां कहकर पुकारते हैं। धार्मिक मान्यता है कि गंगा नदी में स्नान मात्र से सभी पाप धुल जाते हैं और गंगजल को अमृत माना जाता है। यह सदियों से चला रहा है। कहा जाता है कि गंगा का पानी पीने से इंसानों की कई बीमारियां खत्म हो जाती हैं।
हिंदू धर्म के अलावा गंगा नदी का दूसरे धर्मों के लोग भी सम्मान करते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि गंगा नदी के जल को मुगल शासक पवित्र मानते थे। एक मुगल शासक हमेशा गंगा नदी का पानी पीता था और गंगा नदी के पानी को स्वर्ग का पानी मानता था। इस मुगल शासक का नाम अकबर था। अबुल फजल की किताब 'आइन-ए-अक़बरी' में यह बड़ी बात कही गई है। किताब में कहा गया है कि अकबर गंगा नदी का पानी पीता था।
मुगल शासक अकबर आगरा और फतेहपुर सीकरी में निवास करता था, तो उसके पीने के लिए यूपी के सोरों से गंगाजल लाया जाता था। अकबर ने जब लाहौर को राजधानी बना लिया, तो पीने के लिए हरिद्वार से गंगा पानी जाने लगा। दिल्ली और आगरा में ऋषिकेश और हरिद्वार से गंगाजल लाने के लिए कई घुड़सवारों की तैनाती की गई थी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अकबर घर पर और यात्रा के दौरान गंगाजल ही पीता था। गंगाजल लाने के लिए नदी के किनारे अपने सबसे भरोसे मंद लोगों को तैनात किया था। अकबर के लिए जार को सीलबंद कर पानी लाया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता था कि उसमें कोई जहर न मिला सके।
गंगा जल का मानता था स्वर्ग का पानी
अकबर के लिए जो खाना बनाया जाता था उसमें यमुना और चेनाब नदी के पानी का इस्तेमाल होता था, लेकिन इसमें भी गंगा जल जरूर मिलाया जाता था। अकबर के अलावा उससे पहले बाबर और हुमायूं गंगा जल पसंद करते थे। वह गंगा जल को आब-ए-हयात यानी स्वर्ग का पानी मानते थे।
जानिए क्या थी वजह
कुछ लोग मुगल शासकों के गंगा जल पीने के पीछे कई वजह बताते हैं। उनका कहना है गंगा नदी का पानी लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है। इसकी वजह यह है कि गंगा जल में बैक्टीरिया भी नहीं पनपते हैं। लैब टेस्ट में यह साबित हो चुका है कि गंगा जल में कई ऐसे तत्व और मिनरल्स पाए जाते हैं। इनके चलते गंगा का पानी खराब नहीं होता है।