आज तक आप सभी ने कई अनोखे नामों को सुना होगा। जैसे कोरोना को ही ले लीजिये। यह नाम आज से पहले कभी नहीं सुना होगा लेकिन आजकल यह नाम हर जगह सुनाई दे रहा है। वैसे आपको जानकर हैरानी होगी कि इसी से मिलते-जुलते नाम की प्रजाति वाले कौवे भी होते हैं। जी हाँ, कहा जाता है कि कौवे किसी भी परिस्थिति में ढलने में सबसे सक्षम पक्षी होते हैं और अब हम आपको बताने जा रहे हैं इन कौवों के बारे में। जी दरअसल कोविर्ड नामक प्रजाति के परिवार से संबंध रखने वाले कौवे सबसे ज्यादा होशियार माने जाते हैं। कहा जाता है इस प्रजाति में नीलकंठ, मीना और पहाड़ी कौवे शामिल हैं।
कहते हैं कोविर्ड प्रजाति के कौवे किसी भी विशेष परिस्थिति में अपना जीवन संभव बनाने में माहिर होते हैं। केवल यही नहीं बल्कि ये अपना खुराक गुमनाम जगह से भी आसानी से पा लेते हैं। जी दरअसल इन कौवे के ऊपर जब अध्यन किया जाता है तो यह देखा जाता है कि ये कौवे बहुत ही बुद्धिमानी से काम लेते हैं। इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि यह कौवे तिनकों और टहनियों की मदद से पेड़ के तनों में छिपे कीड़े-मकोड़ो को निकाल कर खा जाते हैं।
वहीँ अगर हम वैज्ञानिको की माने तो बंदर, लंगूर और इंसानों के दिमाग में न्यूकारटिक्स पाया जाया जाता है। इस वजह से उन्हें होशियार माना जाता है। लेकिन कोविर्ड प्रजाति के कौवों के दिमाग में न्यूरोन या दिमागी कोशिकाएं के गुच्छे पाए जाते हैं, जो इनके बुद्धिमता को और भी ज्यादा बढ़ा देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आसाधरण काम करने वाले केवल यही अकेले पक्षी नहीं हैं। वही तोता, चैंपेजी, मगरमच्छ और कई कीड़ों में भी याद करने की क्षमता होती है।