दुनिया की सबसे लंबी कार, जिसमे हेलीपैड से लेकर स्विमिंग पूल तक की है सुविधा

आपने कई महंगी-महंगी और लग्जरी कार तो देखी होंगी. लेकिन क्या आपने कभी ऐसी कार देखी है जो घर से भी बड़ी हो.

Update: 2021-11-13 14:30 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क  |  आपने कई महंगी-महंगी और लग्जरी कार तो देखी होंगी. लेकिन क्या आपने कभी ऐसी कार देखी है जो घर से भी बड़ी हो. चलिए आज हम आपको बताते हैं एक ऐसी गाड़ी के बारे में जो इंसानी जरूरत की हर सुख सुविधा से भरपूर है. इस गाड़ी को गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया जा चुका है. इसकी लंबाई इतनी ज्यादा है कि लोग देखते ही रह जाते हैं. आइए जानते हैं इस खास कार के बारे में जिसकी एक झलक आपको भी दीवाना बना सकती है.

100 फीट लंबी कार
इस गाड़ी ने साल 1986 में दुनिया की सबसे लंबी कारों में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness World Record) में अपना नाम दर्ज करवाया था. 'द अमेरिकन ड्रीम' (The American Dream) के नाम से मशहूर इस लेमोजीन (World's longest limousine) कार को दुनिया की सबसे लंबी कार होने का गौरव भी हासिल है. इस कार की लंबाई 30.5 मीटर यानी 100 फीट है. इस कार को किसी कंपनी ने नहीं, फिल्म के लिए एक गाड़ियों के जाने-माने डिजाइनर जे ओरबर्ग (Jay Ohrberg) ने डिजाइन किया था. अमेरिका के कैलिफॉर्निया (California) में रहने वाले जे को कारों का बहुत शौक था और वो कई कार्स की शानदार डिजाइन बना चुके हैं.
कार पर उतरते थे हेलीकॉप्टर
यह लेमोजीन 1980 में डिजाइन की गई थी. 100 फीट लंबी इस लेमोजीन में 26 टायर थे और इसे दोनों तरफ से ड्राइव किया जा सकता था. ये 1976 की Cadillac Eldorado limousines पर आधारित थी. डिजाइनर जे ओरबर्ग ने इस कार को 1980 के दशक में डिजाइन किया था और उनका ये डिजाइन साल 1992 में पूरा हुआ था. कार के आगे और पीछे वी8 इंजन लगे थे. खास बात ये है कि ये कार बीच से मुड़ भी सकती थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस कार में स्विमिंग पूल, जकूजी, बाथ टब, छोटा गोल्फ कोर्स, कई टीवी, फ्रिज, और टेलीफोन और हेलीपैड जैसी सुविधाएं थीं. इस कार में 70 लोग बैठ सकते थे.
कार की मरम्मत जारी
वैसे तो ये कार फिल्मों में यूज करने के लिए बनाई गई थी. उस समय इसका किराया 14 हजार रुपये प्रति घंटे था लेकिन धीरे-धीरे कार की मेंटेनेंस पर ध्यान कम दिया जाने लगा. कार को पार्किंग के लिए बड़ी जगह चाहिए होती थी और फिल्मों में भी ऐसी कारों की डिमांड कम हो गई इसलिए इसकी बर्बादी होने लगी. बाद में एक कार म्यूजियम ने कबाड़ हो चुकी इस कार को खरीदा था और अब उन्होंने कार को रिपेयर करने का काम शुरू कर दिया था.


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