डार्क मैटर के गुरुत्वाकर्षण बल पर चलता है पूरा ब्रह्मांड
यह नाम सुनने में भले ही आपको छोटा लगता हो, लेकिन यह आधुनिक साइन्स का सबसे बड़ा रहस्य है। यह एक ऐसा रहस्य है जो दुनिया के अनसुलझे रहस्य में सबसे बड़ा रहस्य है। इसे कभी देखा नहीं जा सकता, बल्कि महसूस किया जा सकता है।
जनता से रिश्ता। यह नाम सुनने में भले ही आपको छोटा लगता हो, लेकिन यह आधुनिक साइन्स का सबसे बड़ा रहस्य है। यह एक ऐसा रहस्य है जो दुनिया के अनसुलझे रहस्य में सबसे बड़ा रहस्य है। इसे कभी देखा नहीं जा सकता, बल्कि महसूस किया जा सकता है। यह हमारे बीच मौजूद तो नहीं है, लेकिन फिर भी हमारा वजूद कहीं न कहीं इससे जुड़ा हुआ है।
ब्रह्मांड की सभी वस्तुएँ जो हम देख सकते है, पूरे ब्रह्मांड के 5% से भी कम है। जैसे तारे, गृह, स्पाइडर वेब, आकाशगंगाएँ आदि मिलकर पूरे ब्रह्मांड के 5% का निर्माण करते हैं। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि बाकी जगह क्या है? जो हमें दिखाई नहीं देता है। तो इसका जवाब थोड़ा पेचीदा है। वैज्ञानिकों की मानें तो पूरे ब्रह्मांड का 25% हिस्सा डार्क मैटर और 70% हिस्सा डार्क एनर्जि है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि डार्क मैटर उस मकड़ी के जाले की तरह काम करता है, जो आकाशगंगा को एक साथ बांधे रखता है। इस मैटर के बिना आकाशगंगा बिखर जाएगी, क्योंकि किसी वस्तु को बांधे रखने के लिए किसी सहारे की आवश्यकता होती है। एक आकाशगंगा में उसके पूरे मैटर का सिर्फ 1% तारे होते है, जिनमें इतना बल नहीं है कि वो एक गैलेक्सी को बांध सके।
बस फिर वैज्ञानिकों ने इस बात पर गौर करना शुरू किया कि कोई तो ऐसा बल है, जो पूरी गैलेक्सी को एक साथ बांधे रखता है। फिर इसी से शुरुआत होती है डार्क मैटर के उद्भव की। अब धीरे-धीरे ढेर सारी थ्योरी निकल के आ रही है, जो डार्क मैटर को समझने में हमारी सहायता करती है।
डार्क मैटर को समझना नामुमकिन है, क्योंकि यह न तो दिखाई देता है और न ही यह कोई प्रतिक्रिया करता है। लेकिन फिर भी इसे हमें स्वीकार करना पड़ेगा, क्योंकि इसी के डार्क मैटर के गुरुत्वाकर्षण बल पर चलता है पूरा ब्रह्मांड है।