धरती की सबसे ऊंची और वीरान इमारत, जहां जानें की सोंच कर ही कांप जाती है रूह, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज

उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयोंग में स्थित इस होटल की ऊंचाई 330 मीटर है और इसमें 105 कमरे हैं

Update: 2020-11-20 14:05 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनिया में कई तरह की अजीबोगरीब और शापित चीजें मौजूद हैं. उत्तर कोरिया (North Korea) में मौजूद होटल (Hotel) उन्हीं में से एक है. दरअसल, उत्तर कोरिया में एक ऐसा होटल मौजूद है, जिसको 'शापित' और 'भूतिया' कहा जाता है. यह होटल पिरामिड जैसे आकार और नुकीले सिरे वाली गगनचुंबी इमारत के रूप में बनाया गया है.

हालांकि, 33 साल बीत जाने के बावजूद इसका निर्माण कार्य अधूरा है. इस होटल का आधिकारिक नाम रयुगयोंग (Ryugyong) है, इसे यू-क्यूंग (Yu-Kyung) के नाम से भी जाना जाता है.

होटल में हैं 105 कमरें

उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयोंग में स्थित इस होटल की ऊंचाई 330 मीटर है और इसमें 105 कमरे हैं. यह होटल बाहर से दिखने में बेहद भव्य और आलीशान है. उत्तर कोरिया में लोग इस होटल को 'भूतिया इमारत' कहकर पुकारते हैं. 

होटल पर खर्च हुए 55 खरब रुपए

जापानी रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर कोरियाई सरकार ने इस होटल के निर्माण में काफी रुपए खर्च किए हैं. उत्तर कोरियाई सरकार ने इस होटल पर लगभग 55 खरब रुपए खर्च किए हैं, लेकिन आज तक यह होटल बनकर तैयार नहीं हो पाया है.

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है नाम

आज दुनिया इसको 'धरती की सबसे ऊंची वीरान इमारत' के रूप में जानती हैं. इस होटल की इसी खासियत के कारण इसका नाम 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में दर्ज है. अगर यह होटल पूरा बनकर तैयार हो जाता, तो यह दुनिया की सातवीं सबसे ऊंची इमारत और दुनिया के सबसे ऊंचे और आलीशान होटल के तौर पर जाना जाता.

 

1987 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य

इस होटल का निर्माण 1987 में शुरू किया गया था और इसको पूरा करने के लिए दो साल का समय रखा गया था. इसके निर्माण में कई तरह की दिक्कतें आने लगी थीं, जिसके बाद 1992 में इसका निर्माण कार्य बंद कर दिया गया. हालांकि, साल 2008 में इसे बनाने का काम काम फिर से शुरू हुआ और इस पर 11 अरब रुपए खर्च किए गए. हालांकि होटल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका था

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