दुनिया की वो राजकुमारी, जिन्होंने रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में बिताए थे 9 साल, जानें क्या थी वजह
इस दुनिया में कई ऐसी घटनाएं घटी हैं, जिनके बारे में जानकर काफी हैरानी होती है
इस दुनिया में कई ऐसी घटनाएं घटी हैं, जिनके बारे में जानकर काफी हैरानी होती है. भारत में भी आपको इस तरह के मामले देखने और सुनने को मिल जाएंगे. आज हम आपको एक ऐसे ही मामले से रू-ब-रू कराने जा रहे हैं. ये कहानी है भारत के एक राजकुमारी की, जिन्हें तकरीबन 9 साल तक देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में बितान पड़ा था. हो सकता है इस बात पर आपको यकीन ना हो रहा हो. लेकिन, यह पूरी तरह सच. तो आइए, जानते हैं इस इससे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें…
'अवध' के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह की स्वघोषित परपोती के साथ 1975 के आस-पास कुछ ऐसा हुआ था, जिसकी चर्चाएं आज भी होती है. बताया जाता है कि आपातकाल के दौरान भारत सरकार ने सभी राज रियासतों को मिलने वाली सरकारी पेंशन को बंद कर दी थी. इसके कारण लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया था. इसी मामले को लेकर बेगम विलायत देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंची. वह पूरे लाव-लश्कर के साथ पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुंची थी.
10 साल के लिए खुद को कर लिया था कैद
रिपोर्ट के अनुसार, अपनी मांग को लेकर नौ साल तक वह पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में रही थीं. इस दौरान वह अपनी पैतृक संपत्ति के नुकसान के लिए मुआवजे की भी मांग कर रही थीं. नौ साल के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और 1985 में उन्हें चाणक्यपुरी इलाके में रहने के लिए मालचा महल आवंटित किया गया. इसके बाद वह अपने बच्चों, नौकरों और कुत्तों के साथ महल में रहने के लिए चली गईं. ऐसा कहा जाता है कि इस महल में ना तो बिजली थी और ना ही पानी. परिणाम ये हुआ बेगम विलायत ने तकरीबन 10 साल के लिए खुद को कैद कर लिया. साल 1993 में डिप्रेशन की वजह से उन्होंने हीरे का चूरा खाकर आत्महत्या कर ली.