जरा हटके: कबाब कई लोगों की पसंदीदा डिशेज में से एक है. अच्छे कबाब की पहचान होती है कि वो मुंह में जाकर घुल जाती है. इसे बनाने के लिए जिस मांस का इस्तेमाल होता है, उसे बेहद महीन पीसा जाता है. इसके बाद अच्छे से उसे पकाया जाता है. कबाब खाते हुए मुंह में मांस का टुकड़ा चबाना नहीं पड़ता. वो मक्खन की तरह मुंह में पिघल सा जाता है. लेकिन क्या आपको इस बात का यकीन है कि जिस कबाब को आप खा रहे हैं, वो लैम्ब के मांस से ही बना है?
अक्सर लोग बाहर से ही कबाब मंगवा कर खाते हैं. इसकी खास वजह है. दरअसल, कबाब बनाने में काफी मेहनत करनी पड़ती है. मांस को अच्छे से पीसना पड़ता है. उसके बाद हिसाब से मसाले मिलकर उसे सही तरह से पकाना पड़ता है. इतनी मेहनत करने से अच्छा लोग इसे बाहर से ही ऑर्डर कर लेते हैं. भारत में तो लखनऊ कबाब के लिए ही मशहूर है. लेकिन ऐसा नहीं है कि कबाब के शौक़ीन सिर्फ इंडिया में हैं. विदेशों में भी इसे काफी पसंद किया जाता है. ऐसे ही एक विदेशी शख्स ने करीब नौ जगहों से कबाब मंगवा कर उसे लैब में टेस्ट करवाया. इसके नतीजे आपको भी चौंका देंगे.
ब्रिटेन के रहने वाले जिमी डोहर्टी ने करीब नौ जगहों से कबाब ऑर्डर किया था. इसके बाद उसने सारे कबाब को लैब में टेस्ट करवाया. वो ये जानना चाहता था कि आखिर इन कबाब को बनाया किस मीट से जाता है. जब इसके नतीजे सामने आए, तो लोग चौंक गए. आमतौर पर कबाब को लैम्ब के मीट से बनाया जाता है.खस्सी से बने कबाब ही ऑथेंटिक होते हैं. लेकिन लैब के नतीजे कुछ और ही बता रहे थे.
जिमी ने नौ जगहों से मंगवाए कबाब का फॉरेंसिक टेस्ट करवाया. इसमें पता चला कि आखिर ये कबाब किस चीज से बने थे. इसमें कई कबाब बीफ, चिकन और पोर्क से बने थे. लेकिन कई जगहों पर इसे घोड़े, गधे और बकरे के मांस से भी बना दिया जाता है. यही जानने के लिए टेस्ट किया गया था. लेकिन इन नौ मेंस इ सिर्फ एक ही जगह के कबाब लैम्ब के मीट से बने थे. बाकी में चिकन मिला हुआ था. हालांकि, गधे और घोड़े का मांस किसी में पाया नहीं गया.