शख्स ने लगवाया कोरोना वैक्सीन के 90 डोज, जानिए उसने क्यों किया ऐसा

जब भी लोगों लगा कि कोरोना महामारी (Coronavirus) से पीछा छूटने वाला है

Update: 2022-04-04 14:00 GMT

जब भी लोगों लगा कि कोरोना महामारी (Coronavirus) से पीछा छूटने वाला है, वैसे ही इसका नया वैरिएंट जन्म ले लेता है. ऐसे में दुनिया के तमाम देशों में इस अदृश्य शक्ति से निपटने के लिए बूस्टर डोज लगवाने की सलाह दी जा रही है. वहीं, कई संस्थानों में वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाना जरूरी कर दिया गया है. लिहाजा, जो लोग वैक्सीन की सुई चुभवाने से कतरा रहे थे, वे भी सर्टिफिकेट (Corona Vaccine Certificate) के चक्कर में वैक्सीन लेने के लिए आगे आ रहे हैं. मजबूरी ही सही, लेकिन ये वैक्सीन (Corona Vaccine) आपकी जिंदगी बचा सकता है. हालांकि, इस महामारी में भी लोगों ने कमाई का जरिया ढूंढ निकाला है. जर्मनी से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानने के बाद आप भी दंग रह जाएंगे.

आपको जानकर हैरानी होगी कि जर्मनी के एक शख्स ने कोरोना वैक्सीन के 90 डोज लगवा डाले हैं. जब यह शख्स 91वां डोज लगवाने के लिए वैक्सीनेशन सेंटर पहुंचा, तब उसे हिरासत में ले लिया गया. 60 साल के इस शख्स को एडिनबर्ग में एक वैक्सीनेशन सेंटर से पकड़ा गया. शख्स की पहचान उजागर नहीं की गई है. इसके साथ ही यह भी नहीं बताया गया है कि इतने डोज का इस बुजुर्ग पर क्या असर पड़ा है? अब आप सोच रहे होंगे आखिर इस बुजुर्ग को ऐसा करने से क्या मिला. तो आइए जानते हैं इसके बारे में.
इसलिए शख्स ने लगवाए 90 डोज
वेबसाइट डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बुजुर्ग शख्स ने केवल इसलिए 90 डोज लगवा लिए, ताकि वो फर्जी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को जमाकर उसे दूसरों को बेच सके. सर्टिफिकेट पर बाकी चीजें तो जस की तस रहती थीं, बस केवल दूसरों का नाम डालकर यह बुजुर्ग उन्हें मुंह मांगी दाम पर बेच देता था. दरअसल, इस शख्स के क्लाइंट वो लोग थे, जिन्हें वैक्सीन की सुई चुभवाने से डर लगता था या फिर वे वैक्सीन नहीं लेना चाहते थे.
पहले भी हो चुका है ऐसा
लोकल पुलिस ने बुजुर्ग को हिरासत में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है. इसके साथ ही यह पता लगाने में जुट गई है कि इस शख्स ने दस्तावेजों में किन आधार पर फ्रॉड करते हुए दर्जनों वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट हासिल कर लिए. रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मनी के बहुत से लोग वैक्सीन का विरोध कर रहे हैं. लेकिन बात जब सर्टिफिकेट पर आती है तब वे इन्हीं लोगों के जरिए पैसे देकर उसे हासिल कर लेते हैं. इससे पहले मलेशिया में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया था. जहां अब्दुल रहीम नाम का शख्स कोरोना वैक्सीन के डोज लेकर उसके सर्टिफिकेट को बेचता था.
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