घर के मालिक को नहीं थी खबर, पंछी ने दीवार में जमा कर रखे थे 317 किलो शाहबलूत
दुनिया का हर एक इंसान अपने कल के बारे में तो सोचता ही है और यही वजह है कि, वो अपने कल के लिए कुछ ना कुछ बचाकर रखता ही है, जिस तरह इंसान कल के बारे में सोचता है, उसी तरह कुछ पशु-पक्षी भी ऐसे होते हैं, जो कल की चिंता करते हैं. हाल ही में एक ऐसी ही तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जो लोगों को हैरान कर रही है. इस तस्वीर में वुडपैकर यानी कठफोड़वा अगले महीने या सीजन के लिए भरपूर खाना जमा कर चुका है, जो तस्वीर में देखा जा रहा है.
वायरल हो रही इन तस्वीरों को देखकर ऐसा लग रहा है, जैसे वुडपैकर यानी कठफोड़वा ने अगले महीने या सीजन के लिए, बल्कि सात जन्मों के लिए खाना जमा किया हो. वायरल हो रही ये तस्वीरें कैलिफोर्निया की बताई जा रही हैं, जहां एक जमाखोर कठफोड़वे ने एक दीवार में करीब 317 किलो शाहबतूल के फल इकट्ठा कर लिए थे. हाल ये था कि जब वहां लोग पहुंचे तो फल दीवार से बाहर निकल आए थे. एक पंछी की इतनी सीरियस जमाखोरी पर इंटरनेट यूजर जमकर मजे ले रहे हैं.
खबर के मुताबिक, कैलिफोर्निया में एक घर से कंप्लेंट आने के बाद जब पेस्ट कंट्रोल का कर्मचारी वहां पहुंचा तो नजारा देखकर हक्का-बक्का रह गया. दीवार में एक छेद में से शाहबतूल के फल का खजाना निकला पड़ा था. उस कर्मचारी से तुरंत वहां का फोटो खींचा और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर शेयर कर दिया, जो अपने अनोखेपन के चलते दुनिया भर में वायरल हो गया है.
इस पेस्ट कंट्रोल कंपनी के मालिक ने इस फोटो को शेयर किया और वाकया दूसरों के साथ शेयर किया, जिसे देखकर लोग इस बात पर हैरान हो रहे हैं कि, पंछी इतना कैसे जमा कर सकता है. एक यूजर ने लिखा, बेचारे पंछी ने कितनी मेहनत की होगी, उसने भविष्य के कितनी मेहनत से ये जोड़ा होगा और एक झटके में सब चला गया. प्लीज कहो कि तुम इसमें से कुछ उसे वापिस कर रहे हो. दूसरी तरफ लोग इस पंछी की जमाखोरी पर हैरान हो रहे हैं. हालांकि, इतना तो तय है कि पशु-पक्षी अगले सीजन के लिए बचाकर रखते हैं, लेकिन इस फोटो को देखकर लग रहा है मानों कठफोड़वे ने शायद सात जन्मों के लिए जमाखोरी कर डाली है.
ये पोस्ट काफी पसंद की जा रही है और बातों ही बातों में इसके कमेंट कई लोगों की तरफ इशारे-इशारे में तंज कस रहे हैं. कई लोगों को कठफोड़वा मासूम लग रहा है, तो कुछ लोगों को लग रहा है कि कठफोड़वे में जमाखोरी की इंसानी फितरत आ गई है, जो गलत है