located in Türkiye :समय के साथ सब कुछ परिवर्तित हो रहा है लेकिन हमारे इतिहास में क्या व्यवस्था थी, किस तरीके का socialजीवन था और कैसी मान्यताएं थी। इसे जानने के लिए आज भी हम अपनी अवशेषों का अध्ययन करते हैं। हमारे मन इन चीजों को लेकर एक अलग ही जिज्ञासा होती है। यूरोप और एशिया दोनों में स्थित देश तुर्किए ( turkey) देश का पुराना नाम तुर्की था। इतिहास पूर्ण अवशेषों से भरा हुआ है तुर्की। इसके हत्तूसा में इसी प्रकार एक पुराने मंदिर में हरा जादुई पत्थर ( Green Stone of Hattusa) आज भी चमक रहा है, जो की सदियों पुराना है।
माना जाता है कि इस जादुई इच्छा पत्थर में इतनी ताकत है कि जो भी व्यक्ति इसके ऊपर हाथ रखता है उसकी गहरी इच्छाएं जल्द ही पूरी हो जाती हैं। महान मंदिर परिसर में विशाल हरा कांच जैसा पत्थर हैरान करने वाला है। यह रहस्यमय चट्टान हर दिन अनगिनत पर्यटकों को लुभाती है। तो चलिए आज हम आपको इस जादुई इच्छापूर्ति पत्थर के बारे में उपलब्ध तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।
तुर्की के बीच में हत्तूसा स्थित है जो की तुर्की के प्राचीन हित्ती साम्राज्य की राजधानी थी। खुदाई के दौरान प्राप्त अवशेषों में हित्ती साम्राज्य द्वारा बनवाया हुआ प्राचीन मंदिर बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है। इसी मंदिर के खंडहर में एक चमकदार हरा पत्थर मौजूद है। इस पत्थर के जादूई किस्से आसपास के लोगों में बहुत प्रसिद्ध है। यह पत्थर तुर्की में एक धार्मिक महत्व का संकेत माना जाता है क्योंकि यह प्राचीन मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही स्थित है।
ब्रोंज यानी कांस्य युग के अंत के बाद कुछ प्रमुख सभ्यताओं में से एक हित्ती साम्राज्य भी था। इन्होंने अपने आपको आधुनिक तुर्की में स्थापित किया। पुरातत्वविदों ने 1834 ईस्वी में हत्तुसा में खुदाई शुरू की और अवशेषों को खोजना शुरू किया। अपने ऐतिहासिक महत्व के कारण यह स्थल यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल हो चुका है। आज भी यहां पर खुदाई चल रही है और नए नए तथ्यों का अध्ययन होता रहा है। इस पत्थर के उपस्थिती के बारे में कई सिद्धांत दिए गए हैं। एक अनुमान यह भी है कि धार्मिक समारोह में इस पत्थर का प्रयोग राजा के सिंहासन के रूप में भी किया जाता रहा होगा। हित्ती साम्राज्यAstronomyमें विशेष रुचि रखता था, जिसके कारण इसे खगोलीय शास्त्र से जोड़कर भी देखा जाता है। एक सिद्धांत के अनुसार मौसम के बदलाव और समय का पता करने के लिए इस पत्थर का इस्तेमाल किया जाता था।
यह रहस्यमई ग्रीन स्टोन जो एक घन (क्यूब) के आकार का 2200 पाउंड का पत्थर है, जो कि इस महान मंदिर के प्रवेश द्वार पर स्थित है ।मंदिर में घूमने आने वाले लोग इस पर हाथ रखकर अपनी इच्छा मांगते हैं। यह पत्थर नेफ्राइट यानी जेड से बना हुआ है। इस पत्थर के उत्पत्ति और उद्देश्य का पता आज तक पूरी तरह से नहीं चल पाया है। लेकिन पुरातत्वों का मानना है कि इस पत्थर को हाथों से कुछ दूरी पर स्थित टारस पर्वत से लाया गया होगा।