25 दिसंबर को तकनीकी कमी के कारण हुई घटना, दूसरे बैंकों के कस्टमर्स के खातों में भेज दिए 1300 करोड़ रुपये

आपने गलती से बैंक (Bank) द्वारा किसी और के खाते में रुपये ट्रांसफर (Money Transfer) करने की कई खबरें

Update: 2022-01-01 07:18 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Trending News: आपने गलती से बैंक (Bank) द्वारा किसी और के खाते में रुपये ट्रांसफर (Money Transfer) करने की कई खबरें सुनी होंगी, लेकिन क्या कभी ये सुना है कि बैंक एक साथ 75 लोगों के खाते में इस तरह गलती से रुपये भेज दे. रकम भी 1-2 लाख रुपये नहीं बल्कि 1300 करोड़ रुपये. आपको सुनकर हैरानी हो रही होगी, लेकिन ब्रिटेन में ऐसा हुआ है. यहां यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) के Santander बैंक ने इस तरह की गलती की है और अब इन पैसों को वापस लेने में बैंक अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं. जिनके खाते में यह रुपये गए हैं, वो इसे लौटाने को तैयार नहीं हैं. चलिए आपको विस्तार से बताते हैं पूरा मामला.

25 दिसंबर को हुई घटना
रिपोर्ट के मुताबिक, Santander बैंक 25 दिसंबर को कुछ ट्रांजेक्शन कर रहा था. इस दौरान गलती से 75 गलत खातों में 130 मिलियन पाउंड यानी 1300 करोड़ रुपये ट्रांसफर हो गए. दिलचस्प बात ये है कि यह पैसे उसके अपने कस्टमर के खातों में नहीं बल्कि प्रतिद्वंद्वी बैंक के ग्राहकों के खातों में ट्रांसफर हो गए. इन बैंकों में Barclays, HSBC, NatWest, Co-operative Bank और Virgin Money जैसे बड़े नाम शामिल हैं. Santander बैंक के करीब 1.40 करोड़ ग्राहक हैं और इसकी 616 शाखाएं हैं.
तकनीकी कमी से हुआ ऐसा
इस गलती के बाद से बैंक के अधिकारी लगातार इन ग्राहकों से रुपये वापस लेने के लिए संपर्क कर रहे हैं, लेकिन ये लोग रुपये लौटाने को तैयार नहीं हैं. इस वजह से बैंक के अधिकारी काफी परेशान हैं. ऐसी स्थिति में रुपये वापस लेने के लिए अब बैंक के पास कानूनी विकल्प ही मौजूद है. वहीं बैंक का कहना है कि ये सारी ट्रांजेक्शन तकनीकी खामी की वजह से हुए.
इस तरह के मामलों में ब्रिटेन का कानून कहता है कि अगर बैंक की गलती से ग्राहक के खाते में रुपये आ गए हैं तो उसे बैंक को लौटाना होता है. अगर कोई पैसे लौटाने से इंकार करता है तो उसे अधिकतम 10 साल की कैद हो सकती है.
कुछ मामलों में फंस जाता है पैसा
इस तरह की गलती पहली बार नहीं हुई है. इससे पहले अमेरिका के सिटी बैंक से भी ऐसी गलती हुई थी. तब उसने गलती से कॉस्मेटिक कंपनी रेवलॉन के लेंडर्स को 90 करोड़ डॉलर ट्रांसफर कर दिए थे. बैंक की तरफ से इस केस में महज 50 करोड़ डॉलर की ही वसूली हो पाई. मजबूरन सिटी बैंक को पिछले साल कोर्ट का सहारा लेना पड़ा, लेकिन अदालत ने इस मामले को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि सिटी बैंक को रिकवरी की अनुमति नहीं दी जाएगी.


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