सनकी बादशाह, अपने मनोरंजन के लिए मोटे वेतन पर रखता था लंबे कद-काठी के सैनिक

दुनियाभर में सनकी बादशाहों के तरह-तरह के किस्से खूब मशहूर हुए हैं। कोई राजा अपने क्रूरता के लिए जाना जाता है

Update: 2021-08-07 06:12 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनियाभर में सनकी बादशाहों के तरह-तरह के किस्से खूब मशहूर हुए हैं। कोई राजा अपने क्रूरता के लिए जाना जाता है, तो कोई उदारता के लिए। लेकिन दुनिया में एक ऐसा भी बादशाह था, जो अपने अजीबोगरीब सनक के लिए जाना जाता है। इस बादशाह को लंबे सैनिकों को अपने सेना में रखने और उन्हें मोटा वेतन देने का काफी शौक था। हालांकि, वेतन पाने के लिए सैनिकों को खासी बेइज्जती भी सहनी होती थी।

यह कहानी उस समय की है, जब प्रशा एक राज्य हुआ करता था। हालांकि, साल 1932 में इसका जर्मनी में विलय हो गया। यहीं का एक राजा था फ्रेडरिक विलियम प्रथम, जिसने 1713 से लेकर 1740 तक प्रशा पर राज किया। वैसे तो फ्रेडरिक विलियम प्रथम शांत और दयावान स्वभाव का राजा था, लेकिन उसे अपने सेना में लंबे कद के सैनिकों को रखने का काफी शौक था। ऐसा कहा जाता है कि उसके राजा बनने से पहले प्रशा की सेना में करीब 38 हजार सैनिक होते थे, जिसे बढ़ाकर उसने करीब 83 हजार कर दिया।

राजा फ्रेडरिक को लंबे सैनिकों से काफी लगाव था। उसके राज्य में लंबे सैनिकों की एक अलग रेजिमेंट थी, जिसे 'पॉट्सडैम जाएंट्स' कहते हैं। इस रेजिमेंट में सारे सैनिक छह फीट से ज्यादा के थे। राजा फ्रेडरिक की सेना में जो लंबा सैनिक था, उसका नाम जेम्स किर्कलैंड था। जेम्स किर्कलैंड की लंबाई सात फीट एक इंच थी।

सबसे मजेदार बात ये है कि इन लंबे सैनिकों को किसी युद्ध के लिए तैयार नहीं किया जाता था, बल्कि वे सिर्फ दिखावे के लिए थे। कभी-कभी राजा इन सैनिकों से मनोरंजन का काम भी करवाता था।

उदास होने पर फ्रेडरिक विलियम प्रथम इन सैनिकों को महल में बुलवा लिया करता और उन्हें नाचने को कहता था। इतना ही नहीं कभी-कभी महल में ही इन सैनिकों से मार्च करवाया करता था। 31 मई 1740 को 51 साल की उम्र में राजा फ्रेडरिक की मौत हो गई।

कहते हैं कि फ्रेडरिक विलियम प्रथम के शासनकाल में 'पॉट्सडैम जाएंट्स' रेजिमेंट में लंबे सैनिकों की संख्या 3,000 के आसपास हो गई थी। उसकी मौत के बाद भी कई सालों तक यह रेजिमेंट सक्रिय रहा, लेकिन 1806 में राजा फ्रेडरिक के बेटे फ्रेडरिक ग्रेट ने उस रेजिमेंट को ही भंग कर दिया और सभी सैनिकों को आम सैनिकों में मिला दिया।

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