वैक्सीन लगवाने पहुंचा 'बच्चा', असलियत पता चली तो उड़ गए होश, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले का है यह मामला
टीम द्वारा वैक्सीनेशन लगाने को मना करने की वजह सिर्फ इतनी थी कि वह शख्स बिल्कुल बच्चे जैसा दिखाई दे रहा था
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोनावायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए अब हर राज्य की सरकारें डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन अभियान चला रही हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम घरों में जाकर टीका लगा रही हैं, और इस दौरान कई चौंकाने मामले देखने को मिले, जिसपर लोग भरोसा नहीं कर पा रहे. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur) जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया, जब स्वास्थ्य विभाग की टीम एक घर में वैक्सीनेशन के लिए पहुंची तो एक शख्स को टीका लगाने से मना कर दिया. वजह जानने के बाद आप बिल्कुल हैरान रह जाएंगे. टीम द्वारा वैक्सीनेशन लगाने को मना करने की वजह सिर्फ इतनी थी कि वह शख्स बिल्कुल बच्चे जैसा दिखाई दे रहा था.
वैक्सीन लगवाने पहुंचा 'बच्चा', असलियत है कुछ और
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोरखपुर के चौरीचौरा स्थित मुंडेराबाजार में स्वास्थ्य विभाग द्वारा डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन अभियान के दौरान एक शख्स जब वैक्सीन लगवाने पहुंचा तो उसे बच्चा समझकर टीका लगाने से मना कर दिया. बच्चे की तरह दिखने वाले उस शख्स की असल उम्र 30 साल है. स्वास्थ्य विभाग के लोगों ने जब उसे देखा तो यकीन नहीं कर पा रहे थे. हालांकि, जब बालिग शख्स ने अपने आधार कार्ड समेत कई प्रमाण पत्र दिखलाएं; तब जाकर स्वास्थ्य टीम को भरोसा हुआ और फिर उसे टीका लगाया गया. कद-काठी देखकर बिल्कुल भी भरोसा नहीं हो रहा था कि वह तीस साल का शख्स है.
नाबालिग समझकर पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
तीस साल के शख्स का नाम रिजवान है और वह बिल्कुल बच्चे की तरह ही नजर आता है. उसने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई पूरी की है. इतना ही नहीं, उसने मीडिया को बताया कि कुछ ऐसी ही एक घटना पहले भी हो चुकी है, जब मतदान के दौरान चुनाव अधिकारियों ने नाबालिग समझकर लाइन से बाहर कर दिया था. उस वक्त भी रिजवान को अपना प्रमाण पत्र दिखाना पड़ा था, जिसके बाद उसे वोटिंग करने का मौका मिला. जब भी ऐसी परिस्थिति में रिजवान फंसते हैं तो उन्हें अपना डॉक्यूमेंट्स दिखाना पड़ता है. वह देखने में बिल्कुल बच्चों की तरह हैं, जिसकी वजह से हर बार इस परेशानी का सामना करना पड़ता है.