200 से ज्यादा व्हेल मछलियों की अचानक मौत, एक्सपर्ट्स ने बताया कारण
व्हेल मछलियों के बारे में यह कहा जाता है कि यह सबसे बड़ी समुद्री जीव हैं और इनकी तमाम खूबसूरत प्रजाति भी दुनियाभर के समुद्रों में पाई जाती हैं. लेकिन इन दिनों ऑस्ट्रेलिया के एक बीच से दिल को दुखी कर देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं. इन तस्वीरों में दिख रहा है कि बीच पर बड़ी संख्या में मरी हुईं व्हेल मछलियां दिख रही हैं.
व्हेल मछलियों के बारे में यह कहा जाता है कि यह सबसे बड़ी समुद्री जीव हैं और इनकी तमाम खूबसूरत प्रजाति भी दुनियाभर के समुद्रों में पाई जाती हैं. लेकिन इन दिनों ऑस्ट्रेलिया के एक बीच से दिल को दुखी कर देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं. इन तस्वीरों में दिख रहा है कि बीच पर बड़ी संख्या में मरी हुईं व्हेल मछलियां दिख रही हैं. इसकी संख्या दो सौ से ज्यादा बताई जा रही है.
230 मछलियों का बड़ा एक समूह फंसा
दरअसल, यह घटना ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया की है. 'द गार्जियन' ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि ऑस्ट्रेलिया के जैव संसाधन और पर्यावरण विभाग ने अपने आधिकारिक बयान में इस बात की पुष्टि की है कि करीब 230 व्हेल मछलियों का एक समूह मैक्यूरी हार्बर पर फंस गया है। ऐसा लगता है कि इन जीवों में में से केवल आधी ही जीवित हैं. लेकिन वहीं दूसरे स्रोत बता रहे हैं कि इनमें से लगभग सब मर चुकी हैं.
एक दूसरे तट पर भी कुछ फंसी थीं
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अचानक इतनी सारी मछलियां एक साथ कैसे मर गईं. इसी बीच एक रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई कि कुछ दिनों पहले ऑस्ट्रेलिया के एक उत्तर पश्चिम स्थित समुद्री तट पर भी स्पर्म व्हेल बहकर आई थीं. इतनी तादाद में स्पर्म व्हेल्स का बहकर आना बहुत असामान्य है, जबकि उनकी संख्या 14 बताई गई थी. लेकिन इसके कुछ ही दिनों बाद यह बात सामने आई कि तस्मानिया के समुद्री तट पर लगभग 230 व्हेल मछिलयां बहकर आईं, जिनमें से 200 की मौत हो चुकी है.
एक्सपर्ट्स ने क्या बताया कारण?
चौंकाने वाली बात यह है कि यह सभी मछलियां एक लाइन में मरी हुई पड़ी हैं. अब इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की मछलियां काफी सोशल होती हैं और अपने साथियों के आसपास ही रहती हैं. ऐसा लगता है कि इनमें से एक या कुछ मछलियां रास्ता भटक गई थीं और उनका पीछा करते करते ये सभी यहां पहुंच गईं और यहां पानी कम होने की वजह से उनकी जानें चली गई.
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
बता दें कि रिपोर्ट्स के मुताबिक इससे पहले भी करीब दो साल पहले ठीक इसी इलाके में 500 पायलेट व्हेल सामूहित तौर से बीच पर आ फंसी थीं. इनमें से तो सिर्फ सौ को ही बचाया जा सका था. उस समय भी इतने बड़े समूह में व्हेल मछलियों के बीच पर आ जाने का कारण पूरी तरह से साफ नहीं हो पाया था. जो तर्क इस बार दिया गया है वही तब भी बताया गया था.