ससुराल में होने वाले दामाद के लिए की गई तगड़ी व्यवस्था, अलग-अलग तरह के व्यंजन से किया गया स्वागत

जी हां, साल में 365 दिन होते हैं और हर दिन कुछ न कुछ अलग खाने का मन करता है, इसी सोच के साथ ससुराल में होने वाले दामाद के लिए एक दिन में ही 365 तरह के अलग-अलग व्यंजन बनाए गए

Update: 2022-01-17 08:23 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हमने यह जरूर देखा है कि जब भी दामाद अपने ससुराल पहुंचते हैं तो उनके सम्मान में कई तरह की व्यवस्थाएं की जाती हैं. खाने-पीने, बैठने-रहने समेत तमाम इंतजाम के साथ दामाद जी का स्वागत किया जाता है. लोग जब ससुराल द्वारा इन व्यवस्थाओं को देखते हैं तो भौचक्के रह जाते हैं. कुछ ऐसा ही सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले एक तस्वीर में देखने को मिला, जब होने वाले दामाद के लिए ससुराल वालों ने सोच में डाल देने वाली व्यवस्था की. जी हां, साल में 365 दिन होते हैं और हर दिन कुछ न कुछ अलग खाने का मन करता है, इसी सोच के साथ ससुराल में होने वाले दामाद के लिए एक दिन में ही 365 तरह के अलग-अलग व्यंजन बनाए गए.

ससुराल में होने वाले दामाद के लिए की गई तगड़ी व्यवस्था
पश्चिमी गोदावरी जिले के नरसापुरम के एक आंध्र परिवार ने रविवार को मकर संक्रांति के अवसर पर अपने होने वाले दामाद को 365 विभिन्न प्रकार के भोजन परोसे. परिवार के एक सदस्य ने कहा, 'अपने होने वाले दामाद के प्रति अपना प्यार दिखाने के लिए साल के 365 दिनों को ध्यान में रखते हुए 365 तरह के भोजन की व्यवस्था की गई थी.' बताया गया है कि इस कपल की त्योहार के बाद शादी हो जाएगी.
शादी से पहले दुल्हन के दादा ने किया सारा इंतजाम
तुम्मलपल्ली सुब्रह्मण्यम और अन्नपूर्णा अपने बेटे साईकृष्ण की शादी एक सोने के व्यापारी अत्यम वेंकटेश्वर राव और माधवी की बेटी कुंदवी से करने जा रहे हैं. जैसे ही शादी से पहले त्योहार आया तो दुल्हन के दादा अचंता गोविंद और दादी नागमणि ने अपने होने वाले पर-दामाद के लिए एक दावत की व्यवस्था की. इस भव्य प्री-वेडिंग रिसेप्शन में दूल्हा और दुल्हन दोनों के परिवार के सदस्यों ने हिस्सा लिया.
अलग-अलग तरह के व्यंजन से मेहमानों का स्वागत किया गया
यह भी पता चला है कि इस आयोजन के लिए 30 विभिन्न प्रकार की करी, चावल, पुलीहोरा, बिरयानी, पारंपरिक गोदावरी मिठाई, गर्म और ठंडे ड्रिंक्स, बिस्कुट, फल, केक तैयार किए गए थे. यह व्यवस्था पूर्व और पश्चिम गोदावरी दोनों जिलों में शहर की चर्चा बन गई. गोदावरी के दोनों जिले अपने गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए जाने जाते हैं. वे मेहमानों के साथ अत्यंत विनम्रता से पेश आते हैं


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