शोध में हुआ चौकाने वाला खुलासा- वर्क फ्रॉम होम से बढ़ रहा लोगों में मौत का खतरा

लेकिन इसी दौरान तमाम कंपनियों ने अपने कर्चमारियों को घर से काम करने की सहूलियत मुहैया करा दी

Update: 2020-12-20 08:08 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोनावायरस महामारी ने पूरी दुनिया में भयंकर तबाई मचाई है. कोरोना के बढ़ते खतरे ने दुनियाभर के लोगों की जिंदगी पटरी से उतार दी. इस बीच ज्यादातर दफ्तर बंद थे. लेकिन इसी दौरान तमाम कंपनियों ने अपने कर्चमारियों को घर से काम करने की सहूलियत मुहैया करा दी. लगभग पूरे लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर लोगों ने घरों से ही अपने ऑफिस का काम निपटाया. हालांकि अब धीरे-धीरे सारे ऑफिस खुलने लगे हैं. इस बीच एक ऐसी रिसर्च सामने आई है कि जो आपको थोड़ा परेशान कर सकती है.


देश में पिछले 10 माह से फैली कोरोना महामारी की वजह से लोग भी लंबे समय से वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. ऐसे में लोगों की सिटिंग काफी बढ़ गई है. हाल ही में ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन ने इस संबंध में अहम खुलासे किए हैं. एक रिसर्च में हजारों की संख्या में लोगों रोजाना की गतिविधियों पर अध्ययन किया गया. शोधकर्ताओं ने पाया कि ऐसे लोग जो दिन भर निष्क्रिय रहते हैं उनकी युवा अवस्था में ही मृत्यु होने की आशंका बढ़ जाती है, लेकिन यदि लोग थोड़ा भी मूवमेंट करते हैं तो इसे काफी हद तक कम किया जा सकता है.


50 हजार लोगों पर की गई रिसर्च

शोधकर्ताओं ने यूरोप और अमेरिका में रहने वाले लगभग 50,000 लोगों पर रिसर्च कर ये परिणाम हासिल किए. शोधकर्ताओं ने पाया कि यदि लोग दस मिनट के आसापस भी हल्की एक्सरसारइज या वॉक तेजी से करते हैं तो लंबी सिटिंग से होने वाले दुष्प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है. वहीं जो लोग 35 मिनट तक तेज एक्सरसारइज करते हैं तो इन दुष्प्रभावों से है फिर वे चाहे जितने घंटे बैठते हों. इसलिए अगर आप भी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं तो लंबे वक्त तक बैठने की बजाय खुद को नियमित अंतराल पर आराम देते रहें, ताकि इस तरह के दुष्प्रभावों को कम किया जा सके.


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