वैज्ञानिकों ने खोज निकाला 630 फुट का सिंकहोल, अंदर मिले प्राचीन जंगल देख वैज्ञानिक हुए हैरान
धरती पर इतने अजूबे है, प्रकृति में इतना रहस्य अब भी बाकी का जहां पर अब तक इंसानों की पहुंच नहीं हो पाई है. नित नई खोजें, नित नए आविष्कार समय-समय पर हमें चौंकाते रहे हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। धरती पर इतने अजूबे है, प्रकृति में इतना रहस्य अब भी बाकी का जहां पर अब तक इंसानों की पहुंच नहीं हो पाई है. नित नई खोजें, नित नए आविष्कार समय-समय पर हमें चौंकाते रहे हैं हाल ही में वैज्ञानिकों ने धरती की गहराई से एक ऐसे रहस्य की खोज पूरी की जिसने आम लोगों के साथ-साथ खुद वैज्ञानिकों की उस टीम को भी हैरान कर दिया जो उस उस खोज का हिस्सा थे. बात हो रही है उस विशाल सिंकहोल की जिसकी लंबाई-चौड़ाई सुनकर होश उड़ जाएंगे.
630 फुट गहरी, 1004 फीट लंबी और 492 फीट चौड़ी है ऐसी जगह जो कलेपना से परे. दक्षिण चीन में ऐसे सिंकहोल की खोज पूरी हुई है जिसमें एक विशाल प्राचीन जंगल भी बसा हुआ है. जिसमें पेड़ो की ऊंचाई 131 फीट तक है. चीन में 630 फुट विशाल प्राचीन सिंकहोल की खोज से वैज्ञानिक बेहद खुश है.
चीन में मिला प्राचीन जंगल वाला विशाल सिंकहोल
चीन के वैज्ञानिकों ने एक अद्भुत खोज की है. चीन के दक्षिण में स्थित गुआंग्शी ज़ुआंग क्षेत्र में घाटी के आकार के सिंकहोल की खोज की गई है, जिसमें लंदन का बीटी टॉवर भी समा जाएगा. गुफाओं का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने 6 मई को इस सिंकहोल की खोज की है. अपेक्षा के विपरित घुप्प अंधेरे में लिपटे रहने की बजाय ये गुफा हरे-भरे पेड़ों और प्राकृतिक संपदा से भरी हुई थी. सिंकहोल के एक विशाल और बेहद प्राचीन जंगल देखकर वैज्ञानिकों के आश्चर्य का ठिकाना न रहा.
गुफा के भीतर है अभी और कई रहस्य
अमेरिका में स्थित गुफा विशेषज्ञ जॉर्ज वेनी के अनुसार ये खोज कोई आश्चर्य की बात नहीं थी, लेकिन उन्होंने ये भी माना कि विशाल सिंकहोल का मिलना अच्छी खबर है. उनका कहना है कि दक्षिणी चीन कार्स्ट स्थलाकृति का घर था. जिसका अर्थ है एक ऐसा परिदृश्य जो नाटकीय सिंकहोल और गुफाओं से ग्रस्त है. इस लिहाज़ा से चीन में विशाल सिंकहोल और विशाल गुफा प्रवेश द्वार के साथ ये नई खोज असाधारण रूप से एक शानदार कार्स्ट है. संभावना है कि इसके भीतर ऐसी कई प्रजातियों का भी पता चल सकेगा जो अब तक कहीं दर्ज नही की गई. कुल मिलाकर विशाल गुफा तो मिल गई अब इसके अंदर और कितने रहस्य होंने उन सबकी खोज चलती रहेगी. ये क्षेत्र यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल है.