जज्बे को सलाम: डॉक्टर ने फल बेचकर भरी फीस, वजह जानकर चौके लोग
दुनिया में ऐसे कई लोग हैं, जो कठिनाइयों का सामना कर जीवन में अलग मुकाम हासिल करते हैं. इतना ही नहीं कई लोगों के लिए मिसाल भी बन जाते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेसक | दुनिया में ऐसे कई लोग हैं, जो कठिनाइयों का सामना कर जीवन में अलग मुकाम हासिल करते हैं. इतना ही नहीं कई लोगों के लिए मिसाल भी बन जाते हैं. कई बार तो चीजें हमें सोचने तक पर मजबूर कर देती है कि क्या वाकई में इंसान इस हद तक कठिनाइयों का सामना कर कामयाब हुआ है. हमारी खासपेश 'जज्बे को सलाम' में आज हम आपको एक ऐसी ही शख्सियत से मिलवाने जा रहे हैं, जिन्हें देखने और उनके बारे में जानकर लोग आश्चर्यकित हो जाते हैं.
तस्वीर में सड़कों पर नारियल पानी बेचता यह शख्स कोई साधारण नहीं बल्कि पेशे से एक डॉक्टर हैं, लेकिन परिस्थिति ऐसी है कि इन्हें ये काम कर रहा है. लोग इनसे कई बार पूछ भी देते हैं कि आपके हाथों में तो इंजेक्शन और दवाएं होने चाहिए, लेकिन आप चाकू लेकर ठेले के साथ सड़क पर क्यों खड़े रहते हैं? लेकिन, बड़ी सहजता के साथ वह इस सवाल का जवाब देते हैं, जिसे सुनकर लोगों को उनपर 'गर्व' होता है. इनका नाम है शिवा और वेल्लोर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के चौथे साल के वे छात्र हैं.
'फल बेचकर फीस भरी'
शिवा का कहना है कि मैं इस तरह फल बेचता हूं और पिछले तीन सालों की पढ़ाई की फीस भरी है. लेकिन, उन्हें इस बात का बिल्कुल अहसास नहीं है. शिवा कहना है कि उनके परिवार में उनके अलावा तीन और लोग हैं. माता, पिता और एक बड़ा भाई. उन्होंने बताया कि सुबह पूरा परिवार पेड़ से आइस फ्रूट तोड़ने जाता है और बाद में मेट्टुपलायम में उसे बेचा जाता है. पिछले कई सालों ने उनका परिवार ये काम कर रहा है. वहीं, कोरोना काल के दौरान उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. शिवा का कहना है कि पूरा परिवार उनकी पढ़ाई में सहयोग करता है. आलम ये है कि शिवा पर लोगों को आज गर्व है और कई लोगों के लिए वह प्रेरणा बन चुके हैं.