रसगुल्ला बना Indian Railways के लिए सिरदर्द! ट्रेनें हुईं कैंसिल

Update: 2022-05-25 17:15 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दूध से बना स्पंजी, शक्करयुक्त, चाशनी वाला रसगुल्ला देखकर किसी के भी मुंह में पानी आ जाएगा. जी हां, हम बात कर रहे हैं रसगुल्ला की, जो कि इंडियन रेलवे (Indian Railways) के लिए कड़वाहट साबित हुआ. बिहार के लखीसराय में बरहिया रेलवे स्टेशन पर 10 ट्रेनों को रोकने की मांग को लेकर कई स्थानीय लोगों ने लगभग 40 घंटे तक वरोध प्रदर्शन किया. स्थानीय लोगों ने रेलवे ट्रैक पर टेंट लगा दिया, जिससे 40 घंटे तक ट्रेनों की आवाजाही ठप रही. इसके कारण हावड़ा-दिल्ली रेल लाइन (Howrah-Delhi Rail Line) पर एक दर्जन ट्रेनों को 24 घंटे के लिए रद्द करना पड़ा और 100 से अधिक ट्रेनों को डायवर्ट करना पड़ा, जिससे ट्रेन यात्रियों को परेशानी हुई.

लखीसराय के जिला मजिस्ट्रेट संजय कुमार के अनुसार, बड़ी संख्या में लोग स्टेशन पर पटरियों पर बैठ गए, यह मांग करने के लिए कि बरहिया में कई एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं किया गया है, उनकी सुविधा के लिए स्टेशन पर निर्धारित ठहराव किया जाना चाहिए.
लेकिन रसगुल्ला विरोध से कैसे जुड़ा है?
बहुत कम लोग जानते हैं कि बरहिया का रसगुल्ला अनूठा और देश भर में प्रसिद्ध है. इसकी भारी मांग के कारण वहां तैयार मिठाइयां आस-पास के अन्य राज्यों में भेजी जाती हैं. लोग विशेष रूप से शादी या किसी विशेष अवसर के दौरान अपने मेहमानों के लिए इन रसगुल्लों को खरीदने के लिए बरहिया जाते हैं. कस्बे में 200 से अधिक दुकानें हैं जो इस व्यवसाय में लगी हुई हैं और प्रतिदिन सैकड़ों रसगुल्ले तैयार किए जाते हैं.
हालांकि, ट्रेनों के न रुकने से कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ और लोग नाराज हैं, क्योंकि वे देश के विभिन्न हिस्सों में स्टॉक की आपूर्ति नहीं कर सके. कोविड के दौरान भी बरहिया में ट्रेनों के न रुकने से मिठाई का कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ. रेलवे स्टेशन पर फिलहाल कोई ट्रेन नहीं रुकने से स्थानीय लोग और हलवाई आक्रोशित हो गए.
रसगुल्ला बेचने वाले व्यवसायी रंजन शर्मा ने बताया कि बरहिया से पटना तक का ट्रेन का किराया 55 रुपये है और इसमें सिर्फ दो घंटे लगते हैं. हालांकि, यदि व्यापारी सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से रसगुल्लों का स्टॉक सड़क मार्ग से ले जाते हैं, तो कुल 150 रुपये का किराया लगेगा और समय भी दोगुना होगा. इसके अलावा, कैब या कार बुक करना और भी महंगा होगा. यह खर्च और भी अधिक हो जाता है जब शादी के सीजन में डिमांड बढ़ जाती है.
फिलहाल, विरोध के कुछ नतीजे निकले. खबरों के मुताबिक, रेलवे द्वारा लिखित में एक एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव सुनिश्चित करने का आश्वासन दिए जाने के बाद सोमवार शाम को विरोध प्रदर्शन बंद कर दिया गया.


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