खरगोशों ने जमाया इस देश पर कब्जा, यूं हराम किया इंसानों का जीना

Update: 2023-09-25 16:58 GMT
जरा हटके: आपने बहुत सी ऐसी अजीबोगरीब समस्याओं के बारे में सुना होगा, जो अलग-अलग देशों में पाई जाती हैं. कोई आर्थिक तौर पर परेशान है, तो कहीं बढ़ती जनसंख्या मुद्दा बनी हुई है. हालांकि एक देश ऐसा भी है, जिसकी समस्या इन सबसे बिल्कुल ही अलग है. यहां इंसानों की नहीं बल्कि खरगोशों की आबादी इतनी ज्यादा है कि उन्होंने पूरे देश पर कब्ज़ा जमा रखा है. लोग इनसे परेशान तो हैं लेकिन इनका कोई इलाज उनके पास नहीं है.
आपको ये जानकर और भी हैरानी होगी कि जिन खरगोशों की संख्या ऑस्ट्रेलिया में पिछले साल ही करीब 20 करोड़ पहुंच चुकी थी, वो यहां के स्थानीय जीव हैं भी नहीं. कभी शिकार खेलने के लिए 24 यूरोपियन खरगोशों को यहां लाया गया था. वो बात अलग है कि इन्होंने इतनी जल्दी अपनी जनसंख्या बढ़ाई कि आज भी पूरा ऑस्ट्रेलिया इनके कहर से उबर नहीं पा रहा है. क्यूट माने जाने वाले खरगोश यहां मुसीबत बन गए हैं.
कैसे ऑस्ट्रेलिया में आए खरगोश?
ये कहानी भी काफी दिलचस्प है. दरअसल 1859 में क्रिसमस के वक्त इंग्लैंड से आए जहाज में 24 यूरोपियन खरगोश पहुंचे थे. वो मेलबर्न पोर्ट पर इंग्लैंड से थॉमस ऑस्टिन नाम के एक शख्स के लिए तोहफे में आए थे. ऑस्टिन भी इंग्लैंड के ही रहने वाले थे उनके लिए आए खरगोशों में जंगली और पालतू दोनों ही खरगोश शामिल थे. कहा ये भी जाता है कि वो शिकार खेलने के लिए इन खरगोशों को लाया था. अब सच्चाई कुछ भी हो, लेकिन अगले 3 साल में ही इन खरगोशों ने अपनी संख्या हज़ारों में कर ली और हर तरफ इनका आतंक फैल गया. पेड़-पौधों और फसलों के अलावा लोगों का जीना भी इन जीवों ने हराम कर दिया. इसे इतिहास में स्तनधारी जीवों का सबसे तेज़ रफ्तार से होने वाला कोलोनाइज़ेशन माना जाता है.
एक स्टडी में सामने आया कि इंग्लैंड से मेलबर्न पहुंचने में खरगोशों को 80 दिन लगे, जिस दौरान इन्होंने इंटरब्रीडिंग की. ये 100 किलोमीटर/वर्ष की दर से फैले तो 50 साल में इनकी आबादी 13 गुना बड़े इलाके में पहुंच गई. अब हालत ये है कि खरगोशों के चलते 1600 करोड़ रुपये का एग्रीकल्चर हार्म होता है. 1878-79 के दौरान इनकी वजह से प्लेग फैला, तो Rabbits Nuisance Suppression Bill भी संसद में लाया गया, ताकि इनकी समस्या से छुटकारा मिल सके. वो बात अलग है कि आज तक इनका स्थायी इलाज नहीं मिल सका. इनके लिए एक बायलॉजिकल वायरस भी बनाया गया था, लेकिन वो भी इनका कुछ नहीं कर पाया.
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