पेरिस ही नहीं इस देश में भी है पर्सनल आइफिल टॉवर, साथ ही टॉवर ब्रिज और स्फिंग्स जैसे स्मारक मौजूद
Eiffel Tower देखने पेरिस क्यों जाना?
चीन (China News) को जहां अपनी एडवांस तकनीक (Chinese Advance Technology) के लिए दुनिया भर में जाना जाता है, वहीं इसे महंगी चीज़ों का सस्ता वर्ज़न बनाने के लिए भी पहचाना जाता है. दुनिया में कोई नई तकनीक आती है तो चीन (China Has Own Eiffel Tower) उनका सस्ता विकल्प तुरंत तैयार कर लेता है. कुछ ऐसा ही किया है उसने इमारतों के मामले में भी. दुनिया की कुछ मशहूर इमारतों को देखने के लिए चीन के लोगों को कहीं जाने की ज़रूरत ही नहीं क्योंकि ये सारे स्मारक खुद उनके देश में ही मौजूद हैं.
चीन ने अपने नागरिकों के लिए अलग-अलग तरह के नियम-कानून बना रखे हैं. यहां उनके लिए सुविधाएं भी तमाम तरह की दी गई हैं, जिनमें से एक सुविधा ये भी है कि नागरिकों को आइफिल टॉवर, टॉवर ब्रिज और मिस्र की मशहूर स्फिंग्स को देखने के लिए देश के बाहर भी जाने की ज़रूरत नहीं है. उनके लिए इन सभी इमारतों का सस्ता और नकली वर्जन चीन में ही बना दिया गया है. दिलचस्प बात ये है कि इनकी तस्वीरें देखकर एक बार आप यकीन भी कर लेंगे कि ये असली ही हैं.
Eiffel Tower देखने पेरिस क्यों जाना?
चीन के जेजियान प्रांत में एक जगह है टियानडुशेंग. यहां पहुंचते ही आप अपना सिर खुजाने पर मजबूर हो जाएंगे क्योंकि आपको यहां दिखाई देगा दुनिया भर में मशहूर पेरिस का विशाल आइफिल टॉवर. चीन के लोग इस जगह पर आकर आइफिल टॉवर तक पहुंचने का आनंद उठाते हैं. वे यहां आकर अपनी तस्वीरें खिंचाते हैं और सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं. कई बार तो देखने वाले इसे ओरिजनल समझ बैठते हैं लेकिन जब उन्हें पता चलता है कि ये नकली है तो वे दंग रह जाते हैं. बिल्कुल आइफिल टॉवर की ही तरह उसके सामने का डिज़ाइन भी बनाया गया है, जो इसे और भी जीवंत बना देता है.
और भी स्मारक हैं मौजूद
आइफिल टॉवर के अलावा भी चीन के जियांगसू प्रांत के सुझाउ नाम के इलाके में लंदन के टॉवर ब्रिज को भी हूबहू उसी तरह बना तिया गया है. इतना ही नहीं शुझाउ के एक कंस्ट्रक्शन साइट पर मिस्र के मशहूर स्मारक ग्रेट स्फिंग्स को भी वैसा का वैसा बना दिया गया है. ये शुझाउ ग्रेट वॉल इंटरनेशनल टूरिज़्म कार्टून क्रिएटिव पार्क का हिस्सा है. इतना ही नहीं मॉस्को की गोल्डन डोम्ड कॉम्प्लेक्स क्रेमलिन के अलावा पीसा की झुकी हुई मीनार भी शंघाई में बनी हुई है. सोंगजियांग न्यू सिटी को तो पूरा का पूरा थेम्स नदी के किनारे बसे शहर की तरह ही बना दिया गया है. ये सारी नकली इमारतें ज्यादातर चीन के सुदूर शहरों में बनाई गई हैं, जबकि चीनी सरकार का कहना है कि अब ऐसी चीज़ें नहीं बनाई जाएंगी और सार्वजनिक जगहों पर स्थानीय कला को बढ़ावा दिया जाएगा.