क्वारंटीन के लिए नहीं मिली जगह, तो शख्स ने 11 दिन तक पेड़ के ऊपर ही बना लिया अपना ठिकाना

शख्स ने 11 दिन तक पेड़ के ऊपर ही बना लिया अपना ठिकाना

Update: 2021-05-17 11:31 GMT

कोरोनावायरस के संक्रमण में चपेट में आने के बाद ज्यादातर घरों में अलग रूम, बाथरूम आदि कर दिया जाता है, ताकि उनके वजह से उनके परिवार के अन्य सदस्यों को इसकी समस्या ना झेलना पड़े. लेकिन दक्षिण भारत में एक ऐसा मामला सामने आया, जहां जगह की कमी की वजह से खुद को आइसोलेट करने के लिए पेड़ पर जाकर शरण ले ली.


कोरोना होने पर खुद को किया अलग
खबर के मुताबिक, तेलंगाना के नालागोंडा जिले में होम आइसोलेशन के लिए जगह कमी पड़ने पर एक कम उम्र के नौजवान ने खुद को पेड़ के ऊपर अलग-थलग रहने का फैसला लिया. 18 साल के शिवा ने खुद के लिए कोविड वॉर्ड बनाने के लिए बांस के बने डंडों का सहारा लिया. शिवा ने अपने घर के आंगन में एक पेड़ की शाखाओं से बंधे बांस की छड़ियों से एक बिस्तर बनाया, जिसपर उसने अपने सोने और आइसोलेशन का इंतेजाम किया.

पेड़ के ऊपर 11 दिन बिता डाले

नालगोंडा जिले के अंदरूनी इलाकों में बसे एक आदिवासी गांव कोथानंदिकोंडा में शिवा 4 मई को कोरोना पॉजिटिव आया. गांव के लोगों ने उसे घर पर रहने और अपने परिवार से अलग रहने के लिए कहा. घर में शिवा के अलग रहने के लिए जगह नहीं होने के कारण गांव के पेड़ पर ही आइसोलेट करने का निर्णय लिया. करीब 11 दिनों तक वह पेड़ के ऊपर अलग रहा.

इस गांव में अस्पताल है कोसों दूर
कोथनंदिकोंडा में लगभग 350 परिवारों का निवास स्थान है और जिले के अदाविदेवुलपल्ली मंडल के अंतर्गत कई आदिवासी बस्तियों में से यह एक है. यहां निवासियों ने बताया कि इस इलाके में निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) 5 किमी दूर है और इन बस्तियों के लोगों को एक गंभीर चिकित्सा आपात स्थिति के मामले में अस्पताल के लिए 30 किमी की यात्रा करनी पड़ती है.
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