आज ही के दिन हुई थी नेपच्यून के सबसे छोटे चांद की खोज

Update: 2023-07-01 12:06 GMT

 दिल्ली : सालों की मेहनत के बाद 1 जुलाई, 2013 को वैज्ञानिकों ने नेपच्यून (Neptune) के पास एक रहस्यमय चांद की खोज की थी।

सोलर सिस्टम का 8वां ग्रह नेपच्यून को चौथा सबसे बड़ा ग्रह माना जाता है। इस ग्रह में हाइड्रोजन, हीलियम और मीथेन गैस पाई जाती है। इस चांद की खोज SETI नाम की संस्था (SETI Institute in Mountain View) ने की है। इस चांद को हिप्पोकैम्प (Hippocamp) S/2004 N1 नाम दिया गया है। नेपच्यून (Neptune) में एक नहीं बल्कि 13 चांद हैं और ये सभी चांद से काफी छोटा है।

ग्रह का नाम और चांद की संख्या

शनि

अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा मान्यता प्राप्त शनि के 145 चंद्रमा हैं। मई 2023 में चंद्रमाओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई जब एकेडेमिया सिनिका इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स के पोस्टडॉक्टरल फेलो एडवर्ड एश्टन के नेतृत्व वाली एक टीम ने 62 नए चंद्रमाओं की खोज की थी।

बृहस्पति

सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति, जहां किसी भी जीवन का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, उसके पास 95 चंद्रमा हैं।

यूरेनस

यूरेनस के पास कम से कम 27 चंद्रमा है, जिनमें टाइटनिया सबसे बड़ा है और उसका आकार 1580 किलोमीटर का है।

नेप्च्यून

नेप्च्यून के पास 14 चांद है। नायड, थलासा, डेस्पिना, गैलाटिया, लारिसा, एस/2004 एन1 हिप्पोकैम्प, प्रोटियस, ट्राइटन, नेरीड, हैलिमिडे, साओ, लाओमेडिया, सामाथे और नेसो इनके नाम है।

मंगल

मंगल के दो चंद्रमा हैं, फोबोस और डेमोस।

पृथ्वी

पृथ्वी के पास केवल एक ही चांद है।

बड़े चंद्रमा का एक टूटा हुआ टुकड़ा है- हिप्पोकैम्प

नेपच्यून के दूसरे चांद प्रोटियस को सबसे बड़ा माना जाता है और हिप्पोकैम्प प्रोटियस (Proteus) के काफी करीब है। वैज्ञानिकों का मानना है कि हिप्पोकैम्प संभवतः बड़े चंद्रमा का एक टूटा हुआ टुकड़ा है जो अरबों साल पहले एक धूमकेतु के साथ टकराव के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुआ था। S/2004 N1 हर 23 घंटे में अपने मूल ग्रह नेपच्यून की परिक्रमा करता है। यह लारिसा और प्रोटियस की कक्षाओं के बीच स्थित है। हिप्पोकैम्प का साइज करीब 18 मील है। हिप्पेकैंप काफी ठंडा भी है।

हिप्पोकैम्प का नाम कैसे पड़ा?

ग्रीक पौराणिक कथाओं के अनुसार, हिप्पोकैम्प आधा घोड़ा और आधी मछली है। समुद्री घोड़े का वैज्ञानिक नाम हिप्पोकैम्पस है और यह मानव मस्तिष्क के एक महत्वपूर्ण भाग का नाम भी है। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के नियमों के अनुसार, नेप्च्यून के चंद्रमाओं का नाम समुद्र के नीचे की दुनिया की ग्रीक और रोमन पौराणिक कथाओं के अनुसार रखा जाना चाहिए। इसे मूल रूप से S/2004 N1 कहा जाता था क्योंकि यह 2004 में ली गई छवियों से पाया जाने वाला नेप्च्यून (N) का पहला उपग्रह (S) था।

हिप्पोकैम्प किस रंग का है?

हिप्पोकैम्प को एक स्पष्ट सफेद बिंदु के रूप में पाया गया। बता दें, प्रोटियस और हिप्पोकैंप की बीच की दूरी 7,500 मील (12,070 किलोमीटर से ज्यादा) है।

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