नासा का अलर्ट,100 फीट की चट्टान आ रही धरती पर होगा धरती से सामना

Update: 2023-08-10 08:27 GMT
अमेरिका | अंतरिक्ष अनंत है और इसका एक छोर ढूंढना भी असंभव लग सकता है। हमारी आकाशगंगा मिल्की वे के अलावा ब्रह्मांड में न जाने कितनी आकाशगंगाएं लगातार घूम रही हैं। हमारे सौर मंडल की बात करें तो इसमें ग्रहों, उपग्रहों के अलावा कई खगोलीय पिंड हैं, जिनके बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है। एस्टेरॉयड भी इनमें से एक है. क्षुद्रग्रह को हिंदी भाषा में छोटा ग्रह भी कहा जाता है। वे खनिज पदार्थों से बने होते हैं और चट्टान संरचनाओं में पाए जाते हैं।
क्षुद्रग्रहों का आकार 500 फीट से लेकर कई किलोमीटर तक हो सकता है। सौरमंडल के अन्य खगोलीय पिंडों की तरह ये भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। लेकिन कई बार घूमते-घूमते ये पृथ्वी की कक्षा के सामने आ जाते हैं. ऐसे में दो खगोलीय पिंडों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो जाती है. किसी क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से टकराने की संभावना कम है, लेकिन संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए अंतरिक्ष एजेंसी क्षुद्रग्रह की दिशा और गति पर नजर रखती है, ताकि अगर कोई क्षुद्रग्रह पृथ्वी की ओर बढ़े भी तो वह पृथ्वी को नष्ट न कर सके।
इन दिनों लगातार सामने आ रहे क्षुद्रग्रहों को लेकर नासा की ओर से अलर्ट जारी किया जा रहा है। नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी की ओर से Asteroid 2022 BS2 के लिए अलर्ट जारी किया गया है. इसकी खोज 27 जनवरी 2022 को हुई थी। यह क्षुद्रग्रह अपोलो समूह का बताया जाता है। यह 380 दिनों में सूर्य की परिक्रमा करता है। इसका आकार 95 फीट है जो एक हवाई जहाज जितना बड़ा है। इसकी स्पीड 29585 किलोमीटर प्रति घंटा बताई जा रही है. इसका 8 फरवरी 2048 को दोबारा लौटने का कार्यक्रम है। नासा ने अभी तक इसके पृथ्वी से टकराने जैसी जानकारी जारी नहीं की है। अगर ये धरती की ओर गिरने लगे तो ऐसी स्थिति में भारी तबाही मच सकती है. लेकिन नासा ने अभी तक इस बारे में ऐसी कोई आशंका व्यक्त नहीं की है.
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