मिलिए 'ग्रेजुएट चायवाली' प्रियंका गुप्ता से, जानें क्यों बंद करने जा रहीं अपना स्टॉल
उनकी चाय की दुकान पर एक बड़ा पोस्टर दिखाया गया है जिसमें लिखा है: 'आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक पहल...'
कोनॉमिक्स से ग्रैजुएट कर चुकीं प्रियंका गुप्ता (Priyanka Gupta), जिन्होंने हाल ही में नौकरी पाने में नाकाम रहने के बाद चाय की दुकान (Tea Stall) खोलने के लिए सुर्खियों में आई थी, एक बार फिर चर्चा में है. जी हां, आपने सही समझा! बिहार की लड़की अब अपनी चाय की दुकान बंद कर रही है क्योंकि किसी ने उसे पहले से ही फलते-फूलते कारोबार को और बढ़ाने में मदद करने का वादा किया है.
चाय-नाश्ता बेचने के लिए मिनी फूड ट्रक का ऑफर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसे चाय-नाश्ता बेचने के लिए मिनी फूड ट्रक ऑफर किया है. 'चायवाली' (Chaiwali) ने कथित तौर पर इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और मिनी फूड ट्रक का उपयोग करके चाय और स्नैक्स बेचकर अपने व्यवसाय का विस्तार करने का फैसला किया है. क्या यह अच्छा नहीं है? लड़की ने केवल इस शर्त पर सहमति व्यक्त की है कि वह कुछ समय में अपने चाय व्यवसाय से होने वाले लाभ से खाने के ट्रक की पूरी लागत चुका देगी.
ट्रक पर पेशेवर चाय बनाने वालों को भी रखने का फैसला
इतना ही नहीं, प्रियंका ने फूड ट्रक पर पेशेवर चाय बनाने वालों को भी रखने का फैसला किया है ताकि उनके ग्राहकों को उनकी पसंदीदा चाय मिल सके. प्रियंका पहले सब कुछ अकेले ही मैनेज करती थीं, लेकिन अब उन्होंने अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए और लोगों को हायर करने का फैसला किया है. प्रफुल्ल बिलोर (एक एमबीए चायवाला) से प्रेरणा लेते हुए, प्रियंका ने हाल ही में बिहार के पटना में एक महिला कॉलेज के पास एक चाय की दुकान खोली थी, जब उन्हें अच्छी नौकरी नहीं मिली थी.
असफल हुई, तो 'आत्मनिर्भर भारत' के रास्ते पर जाने का प्लान
24 वर्षीय लड़की ने कई प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लिया और नौकरी पाने के लिए अपनी किस्मत आजमाई. लेकिन जब वह असफल हुई, तो उसने 'आत्मनिर्भर भारत' रास्ते पर जाने का फैसला किया. प्रियंका, जो पूर्णिया जिले से है और उसके दो छोटे भाई हैं. वह अपनी दुकान पर मसाला, चॉकलेट और पान चाय 20 रुपये, कुल्हड़ चाय 15 रुपये और कुकीज 10 रुपये में बेचती थी. समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा साझा की गई एक तस्वीर में उनकी चाय की दुकान पर एक बड़ा पोस्टर दिखाया गया है जिसमें लिखा है: 'आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक पहल...'