Knowledge News: क्या अपनी आंख खोलकर सोती हैं शार्क? कुछ इस तरह वैज्ञानिकों ने पता लगाया

समुद्री विज्ञान संस्थान द्वारा एक संयुक्त अध्ययन में पाया गया है कि शार्क के सोने के पैटर्न अन्य स्तनधारियों से काफी अलग होते हैं.

Update: 2022-03-10 16:59 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Knowledge News: एक सवाल जिसने कई वैज्ञानिकों को दशकों से हैरान व परेशान किया है, वह यह है कि क्या शार्क (Sharks) अपनी आंखें खोलकर सोती हैं? वैज्ञानिक पहले से ही जानते थे कि शार्क अन्य स्तनधारियों की तरह नहीं सोती हैं, लेकिन अब उन्होंने पाया है कि शार्क कभी-कभी अपनी दोनों आंखें खोलकर सोते हैं. मेलबर्न के ला ट्रोब विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज (School of Life Sciences at La Trobe University) और न्यूजीलैंड के ऑकलैंड विश्वविद्यालय में समुद्री विज्ञान संस्थान द्वारा एक संयुक्त अध्ययन में पाया गया है कि शार्क के सोने के पैटर्न अन्य स्तनधारियों से काफी अलग होते हैं.

शार्क के सोने को लेकर वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
यह वैज्ञानिकों को मालूम था कि शार्क की कुछ प्रजातियां नींद के दौरान भी लगातार तैरती रहती हैं, ताकि उनके गलफड़ों पर ऑक्सीजन से भरा पानी बहता रहे. लेकिन क्या वह उस वक्त सिर्फ आराम करती हैं या फिर सोने वाली होती हैं? स्टडी का एक उद्देश्य यह पता लगाना था कि क्या शार्क अन्य स्तनधारियों की तरह ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने के लिए सोती हैं. स्टडी के दौरान, पूर्वोत्तर न्यूजीलैंड में होराकी खाड़ी से सात ड्राफ्टबोर्ड शार्क एकत्र की गईं. बाहरी एक्वेरियम में रखे जाने के बाद उन्हें बारीकी से देखा और रिकॉर्ड किया गया.
कुछ इस तरह वैज्ञानिकों ने पता लगाया
टीम ने देखा कि तैरते और आराम करते समय शार्क की आंखें हमेशा खुली रहती हैं. उन्होंने यह भी देखा कि कुछ शार्क एक समय में पांच मिनट से अधिक समय तक अपनी आंखें बंद करके निष्क्रिय थीं, जो नींद का संकेत देती थीं. हालांकि, लगभग 38 फीसदी समय उनकी आंखें खुली रहीं. लेखकों ने कहा कि नींद के दौरान आंखें बंद करना दिन में अधिक सामान्य था.
पहले कभी नहीं की गई शॉर्क पर ऐसी स्टडी
स्टडी में कहा गया, 'कुल मिलाकर, लोअर मेटाबोलिक रेट और एक सपाट शरीर की मुद्रा शार्क में नींद को दर्शाती है, जबकि आंखें बंद करना नींद का एक खराब संकेत है. हमारे परिणाम इन बेसल वर्टेब्रेट्स में नींद के कार्य के रूप में ऊर्जा के संरक्षण के विचार का समर्थन करते हैं. दिलचस्प बात यह है कि इस तरह का कोई अध्ययन पहले कभी नहीं किया गया.'


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