जानिए सिर्फ Sunday को ही क्यों होती है सभी की छुट्टी
हर हफ्ते अधिकतर लोग एक दिन का इंतजार करते हैं और वो है रविवार
हर हफ्ते अधिकतर लोग एक दिन का इंतजार करते हैं और वो है रविवार. रविवार को लेकर लोगों में उमंग रहती है. शायद आपके साथ भी ऐसा ही होता होगा, लेकिन कभी आपने सोचा है कि सप्ताह में तो कई दिन होते हैं, फिर भी रविवार को ही छुट्टी क्यों रहती है. दरअसल, इसके पीछे भी कई तरह की कहानियां हैं और इसके अलग अलग कारण बताए जाते हैं. ऐसे में आज जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर रविवार को ही छुट्टी क्यों होती है और भारत में ही नहीं अन्य देशों में भी रविवार के दिन छुट्टी मानी जाती है.
ऐसे में जानते हैं कि रविवार के दिन ही छुट्टी क्यों होती है और साथ ही जानते हैं उन देशों के बारे में, जहां रविवार के दिन नहीं, बल्कि किसी दूसरे दिन छुट्टी होती है. जानते हैं रविवार के दिन से जुड़ी हर एक बात…
दुनियाभर में होती है छुट्टी
अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संस्था ISO के मुताबिक, रविवार का दिन सप्ताह का आखिरी दिन माना जाता है और इसी दिन कॉमन छुट्टी रहती है. इसे साल 1986 में मान्यता दी गई, लेकिन इसका इतिहास काफी पुराना है. दरअसल, इसे सप्ताह का आखिरी दिन माने जाने की वजह से स्कूल, कॉलेजो में भी रविवार की ही छुट्टी का ऐलान कर दिया था, जिसके बाद लगातार रविवार को छुट्टी का दिन माना जाता है.
धार्मिक कारण भी है संभव
इसके पीछे कई धार्मिक कारण भी माने जाते हैं और इन धार्मिक कारणों की वजह से रविवार को ही छुट्टी का दिन चुना गया. रोमन कैथलिक और प्रोटेस्टेंट ईसाई रविवार को ईश्वर का दिन मानते हैं और यूरोप समेत ज्यादातर ईसाई देशों में लोग रविवार को चर्च जाते हैं. ईसाई धर्म में मान्यता है कि ईश्वर ने दुनिया को छह दिन में बनाया और रविवार को आराम किया था. इस वजह से रविवार को आराम के दिन के रूप में चुना गया.
भारत में कैसे चुना रविवार का दिन
कहा जाता है कि पहले भारत में अंग्रेजों के वक्त भारतीय सात दिन काम करते थे और उन्हें एक दिन आराम की आवश्यकता थी. इसके बाद 1857 में मजदूरों के नेता मेघाजी लोखंडे ने छुट्टी को लेकर आवाज उठाई और उन्होंने अंग्रेजों से छुट्टी के लिए संघर्ष किया और उनका कहना है था कि मजदूरों को एक दिन आराम और देश या समाज के लिए काम करने का दिन मिलना चाहिए. रविवार को अंग्रेज लोग छुट्टी पर रहते थे या चर्च जाते थे, ऐसे में भारत में भी रविवार का दिन ही छुट्टी के लिए लोकप्रिय हो गया.
बता दें कि वैसे रविवार को साप्ताहिक अवकाश के रूप में मान्यता भारत सरकार द्वारा नहीं दी गई है, बल्कि यह अंग्रेजो के समय से ही चलता आ रहा है. एक आरटीआई में सरकार ने रविवार को सार्वजनिक छुट्टी होने से से मना कर दिया था.