जानिए कहां है दुनिया की सबसे जहरीली जगह, जहां 100 साल से नहीं गया कोई भी
कुदरत की बनाई इस दुनिया में ऐसे कई जगहें हैं, ज्यादातर लोग नहीं जाते, क्योंकि
कुदरत की बनाई इस दुनिया में ऐसे कई जगहें हैं, ज्यादातर लोग नहीं जाते, क्योंकि वहां से जुड़ी कई डरावनी कहानियां प्रचलित होती हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां कभी खुशहाल आबादी रहती थी, लेकिन फिर ऐसा सन्नाटा पसरा कि उस जगह को 'नो मैन्स लैंड' घोषित कर दिया गया. वहां खतरा इतना बढ़ गया कि जानवरों तक के जाने पर रोक लगा दी गई.
हम बात कर रहे हैं 'जोन रोग' है. यह जगह इतनी खतरनाक है कि यहां जगह-जगह 'डेंजर जोन' के बोर्ड लगाए हुए हैं, ताकि इसको पढ़कर कोई आगे ना बढ़ पाए. हालांकि इस जगह को फ्रांस के बाकी जगहों से अलग-थलग रखा गया है, ताकि यहां तक कोई आ न सके.
आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले 100 वर्षों में यहां किसी को भी जाने नहीं दिया गया है और न ही यहां किसी को खेती करने की आजादी है. दरअसल पहले विश्व युद्ध के बाद यहां का एरिया बर्बाद हो गया. गांव के गांव नष्ट हो गए, जिसके बाद यहां लाशों का ढेर लग गया और भारी मात्रा में केमिकल आधारित युद्ध सामग्री भी फैल गई. जिसकी वजह से यहां की जमीन जहरीली हो गई है.
इतना ही नहीं, यहां की पानी में भी जानलेवा तत्व मिले हुए हैं. चूंकि यह इलाका बहुत बड़ा है और पूरे इलाके की जमीन और पानी को केमिकल मुक्त बनाना संभव नहीं था, इसलिए फ्रांस सरकार ने यहां लोगों के आने पर ही पाबंदी लगा दी.
साल 2004 में कुछ जर्मन शोधकर्ताओं ने यहां की मिट्टी और पानी का परीक्षण किया तो उसमें भारी मात्रा में आर्सेनिक पाया गया. आर्सेनिक एक ऐसा जहरीला पदार्थ है, जिसकी थोड़ी सी भी मात्रा अगर गलती से इंसान के मुंह में चला जाए तो कुछ ही घंटों में उसकी मौत भी हो सकती है. हालांकि कुछ लोग 'ज़ोन रोग' को भुतहा भी मानते हैं. ऐसा कहा जाता है कि पहले विश्व युद्ध के दौरान मारे गए लाखों लोगों की आत्मा यहां घूमती रहती हैं. इसलिए इस जगह जाना खतरे से खाली नहीं है.