जानिए हर्ष फायरिंग और हवाई फायरिंग में अंतर और इससे जुड़े सभी नियम
हर्ष फायरिंग और हवाई फायरिंग में अंतर
हर्ष फायरिंग, ये शब्द अक्सर आपने शादी और ऐसे जश्न के दूसरे मौकों पर सुना होगा. सिर्फ भारत में हवा में फायरिंग करके जश्न मनाने का चलन हो ऐसा नहीं है. रूस के बाल्कंस में, मीडिल ईस्ट, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ग्वाटेमाला, इथीयोपिया और यहां तक कि अमेरिका में भी यह आम है. वहीं हर्ष फायरिंग से अलग हवाई फायरिंग भी कई मौकों पर आम बात है. ऐसे में आपका यह जानना बहुत जरूरी है कि हर्ष फायरिंग और हवाई फायरिंग में क्या अंतर है और क्यों आपके लिए दोनों ही गैर-कानूनी हैं.
क्या है हर्ष फायरिंग
हर्ष फायरिंग का अंग्रेजी में Celebratory gunfire कहते हैं. किसी भी खुशी के मौके पर त्यौहार के मौके पर हर्ष फायरिंग आम बात है. अमेरिका जैसे देशों में क्रिसमय और न्यू ईयर के मौकों पर फायरिंग का चलन है. भारत में अक्सर शादी समारोह के मौकों पर फायरिंग की जाती है. सिर्फ भारत ही नहीं दूसरे देशों में भी हर्ष फायरिंग में कई लोगों की जान चली जाती है. अमेरिकी विशेषज्ञों के मुताबिक त्योहार जैसे मौकों पर अचानक चली गोली जब किसी को भी लगती है तो इलाज जल्दी नहीं मिल पाने की स्थिति में उनकी मौत हो जाती है. इसके अलावा इस तरह की फायरिंग में कई घरों को भी नुकसान पहुंचता है.
क्या होती है हवाई फायरिंग
हवाई फायरिंग, हर्ष फायरिंग से पूरी तरह से अलग होती है. इस तरह की फायरिंग अक्सर सुरक्षा के मकसद से की जाती है. मगर कई बार शरारती तत्व इसका फायदा उठाने की कोशिशें करते हैं. इसे दो उदाहरणों से समझा जा सकता है. पहला उदाहरण जम्मू कश्मीर का जहां पर भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं, वहां पर पत्थरबाजी के दौरान कभी-कभी भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग की जाती है.
दूसरा उदाहरण, फरवरी 2020 का है जब सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान शाहीन बाग में एक युवक ने हवाई फायरिंग कर दहशत फैलाने की कोशिश की थी. इस युवक को गिरफ्तार कर लिया गया था. सुरक्षा व्यवस्था को भंग करने के मकसद से जब कोई भी हवाई फायरिंग करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई होती है.
अगर सुरक्षाबलों की हवाई फायरिंग में किसी निर्दोष की मौत होती है तो उन पर भी एक्शन लिया जाता है. साल 2018 में जब शोपियां में प्रदर्शन के दौरान सेना की तरफ से पत्थरबाजों पर फायरिंग हुई तो मेजर रैंक के आर्मी ऑफिसर के खिलाफ मामला दायर किया गया जो कि सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था.
ऐसे में साफ है कि हर्ष फायरिंग और हवाई फायरिंग, दोनों ही अमान्य हैं. हवाई फायरिंग को सिर्फ सुरक्षा की दृष्टि से ही स्वीकार किया जा सकता है.
हर्ष फायरिंग पर सख्ती की तैयारी
वहीं, शादी और दूसरे मौकों पर हर्ष फायरिंग करनेवालों पर गृह मंत्रालय और सख्ती करने की तैयारी में है. मंत्रालय ने हर्ष फायरिंग के दोषियों के लिए 2 साल की सजा और 1 लाख तक का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव दिया है. आर्म्स ऐक्ट 1959 में बदलाव कर हर्ष फायरिंग के खिलाफ सख्ती बढ़ाई जा सकती है. सार्वजनिक समारोह, धार्मिक स्थल, शादी की पार्टियों और दूसरे मौकों पर हर्ष फायरिंग करने पर सख्त सजा मिल सकती है.
सरकार ने तैयार किया नया ड्राफ्ट
कुछ विशेष समुदाय में शादी के फंक्शन में हर्ष फायरिंग की परंपरा रही है. ऐसे मौकों पर की जानेवाली इस फायरिंग में कई बार लोगों की जान तक चली गई है. कुछ घटनाएं तो ऐसी भी हुई हैं जिनमें हर्ष फायरिंग के कारण दूल्हा, दुल्हन या किसी करीबी रिश्तेदार की जान चली गई. आर्म्स ऐक्ट 1959 में संशोधन का ड्राफ्ट साल 2019 में सामने आया था. नए नियम के तहत एक मौके विशेष पर सिर्फ 1 ही हथियार रखा जा सकेगा. हालांकि, ड्राफ्ट में लाइसेंस की अवधि को 3 साल से बढ़ाकर 5 साल करने का प्रस्ताव है.
हथियारधारकों के लिए नए नियम
नए ड्राफ्ट के तहत ऐसे लोग जिनके पास एक ही वक्त में एक से अधिक हथियार हैं, उन्हें अपना एक हथियार जमा कराना होगा. एक साल की समय अवधि के अंदर ही एक हथियार जमा कराना अनिवार्य होगा. एक बार हथियार जमा कराने के साथ ही 90 दिन में उन हथियारों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. इसके साथ ही हथियारधारकों के लिए अनिवार्य होगा कि वह सरकार द्वारा प्रमाणित किसी राइफल क्लब के सदस्य हों.
अवैध हथियारों पर कसेगा शिकंजा
ड्राफ्ट में अवैध तरीके से हथियारों की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने के लिए भी सख्ती का सुझाव दिया गया. इसके तहत बिना लाइसेंस के हथियार बनाने, बेचने, भारत में लाने या फिर देश से बाहर निर्यात करने पर 7 साल की जेल की सजा से लेकर उम्रकैद की सजा तक की सिफारिश की गई है. मौजूदा कानूनों के तहत अवैध तरीके से हथियार निर्माण, खरीद-बिक्री पर 3 साल से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान है.
नए कानून से नियंत्रण की उम्मीद
अवैध हथियार निर्माण और खरीद बिक्री के साथ ही हथियारों के अपराध से जुड़े सिंडिकेट क्राइम को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का प्रस्ताव है. अवैध तरीकों से हथियारों का जखीरा इकट्ठा करने, मैन्युफैक्चर और बिक्री करने के अपराध में कम से कम 10 साल की जेल का सिफारिश की गई है. इसी अपराध में अधिकतम सजा उम्रकैद की सिफारिश की गई है.