जानिए इस जगह के बारे में जहा होती है सिर्फ 40 मिनट की रात
ये पूरी दुनिया प्रकृति के नियमों पर चलती है। प्रकृति के जो नियम है उससे कुछ भी अलग इस धरती पर नहीं घटित होता है
ये पूरी दुनिया प्रकृति के नियमों पर चलती है। प्रकृति के जो नियम है उससे कुछ भी अलग इस धरती पर नहीं घटित होता है। निश्चित समय पर दिन और रात का होना प्रकृति के ही बनाए नियम हैं। तय समय पर सूरज निकलता है और फिर चंद्रमा की दूधिया रौशनी धरती पर छा जाती है। हालांकि, अलग-अलग जगहों पर दिन और रात होने में समय का अंतर देखने को मिलता है। पृथ्वी पर ऐसी कई जगहें हैं जहां दिन लंबा होता है तो रातें छोटी होती है, लेकिन ऐसा भी एक देश है जहां कभी रात होती ही नहीं है। रात होती भी है तो बस नाम मात्र की होती है। ये बात काफी चौंकाने वाली है कि एक ऐसा भी देश है जहां सूरज बहुत कम समय के लिए डूबता है, जिसके कारण यहां बहुत कम समय के लिए रात होती है। आइए जानते है उस देश के बारे में...
नार्वे में कभी नहीं डूबता सूरज
नार्वे दुनिया के नक्शे में यूरोप महाद्वीप में स्थित एक देश है। ये महाद्वीप के उत्तर में है। उत्तरी ध्रुव के सबसे नजदीक होने के कारण ये बहुत ही ज्यादा ठंडा देश है। इस देश में बर्फीली पहाड़ियां है और ये ग्लेशियरों से भरा पड़ा है। नार्वे एक ऐसा देश है जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां कभी दिन नहीं ढलता है। जी हां, यहां बस 40 मिनट के लिए रात होती है, बाकी समय यहां सूर्य की रौशनी होती है
यहां रात 12 बजकर 43 मिनट पर सूरज डूब जाता है और मात्र 40 मिनट के बाद उग जाता है। यहां रात के जैसे ही डेढ़ बजते हैं सुबह हो जाती है। काफी हैरत की बात है कि यह क्रम एक, दो दिन नहीं बल्कि पूरे ढाई महीने तक चलता है। नार्वे को 'कंट्री ऑफ मिडनाइट सन' भी कहा जाता है।
क्यूं नहीं होता सूरज अस्त
ये देश आर्किटिक सर्कल के अंदर आता है। यहां मई से जुलाई के बीच 76 दिनों तक सूर्य नहीं डूबता है। इसी तरह का दृश्य हेमरफेस्ट शहर में देखने को मिलता है। ये देखने में बहुत ही सुंदर लगता है नार्वे में ही एक ऐसा देश है जहां 100 सालों से वहां सूरज की रौशनी ही नहीं पहुंची है। इसका कारण है कि ये पूरा शहर पहाड़ों से घिरा हुआ है। ये देश पर्यटकों के लिए पहली पसंद होता है