जानिए दुनिया के सबसे खतरनाक 'जहर' के बारे में, सिर्फ 1 ग्राम ले सकती है लाखों लोगों की जान

सायनाइड के बारे में तो आप जानते ही होंगे कि यह एक खतरनाक जहर होता है

Update: 2021-11-29 05:19 GMT
सायनाइड के बारे में तो आप जानते ही होंगे कि यह एक खतरनाक जहर होता है, जो पल भर में लोगों को मौत की नींद सुला देता है. लोगों के शरीर में घुसते ही यह इतनी तेजी से अपना असर दिखाना शुरू करता है कि लोग इसका स्वाद तक नहीं बता पाते, उससे पहले ही उनकी मौत हो जाती है. हालांकि यह भले ही दुनिया के सबसे खतरनाक जहर में से एक है, लेकिन दुनिया का सबसे खतरनाक जहर नहीं है. अब आप सोच रहे होंगे कि जो जहर पल भर में लोगों को सांसें रोक देता है, उससे भी खतरनाक जहर क्या हो सकता है? तो चलिए हम आपको बताते हैं दुनिया के सबसे खतरनाक जहर के बारे में, जिसका नाम है पोलोनियम-210. बहुत सारे लोगों ने इसका नाम भी नहीं सुना होगा, लेकिन साइंस में रूचि रखने वाले लोग इसके बारे में जरूर जानते होंगे.
पोलोनियम-210 के बारे में कहा जाता है कि इसका सिर्फ एक ग्राम ही लाखों लोगों को मौत की नींद सुला सकता है. असल में यह एक रेडियोएक्टिव तत्व है, जिससे निकलने वाला रेडिएशन इतना खतरनाक होता है कि यह न सिर्फ इंसान के शरीर के अंदरूनी अंगों पर असर डालता है, बल्कि डीएनए और इम्यून सिस्टम को भी तबाह कर देता है.
कहते हैं कि अगर किसी मृत व्यक्ति के शरीर में पोलोनियम-210 की मौजूदगी का पता लगाना हो तो यह बड़ा ही पेचीदा काम होता है और सही से पता भी नहीं चल पाता है. भारत में तो इस जहर की जांच करना संभव ही नहीं है. इसे धीमा जहर कहा जाता है, क्योंकि यह धीरे-धीरे इंसान की जान लेता है. बिना पता चले यह शरीर के अंगों को इतना नुकसान पहुंचा देता है कि फिर उस इंसान को इलाज के सहारे बचा पाना लगभग नामुमकिन हो जाता है.
यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि पोलोनियम-210 की पहचान करना बड़ा ही मुश्किल होता है, क्योंकि अगर खाने में इस जहर को मिला दिया जाए तो इसके स्वाद का पता भी नहीं चल पाता. माना जाता है कि इस जहर की पहली शिकार ईरीन ज्यूलियट क्यूरी नाम की एक लड़की हुई थी, जो मशहूर भौतिकविद और रसायनशास्त्री मैरी क्यूरी की बेटी थी. उसने पोलोनियम का एक छोटा सा कण गलती से खा लिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी. इसके अलावा फिलिस्तीनी नेता यासिर अराफात की मौत का कारण भी इसी जहर को बताया जाता है, जिन्हें इजरायल का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता था.
खास बात ये है कि पोलोनियम-210 की खोज मैरी क्यूरी ने ही वर्ष 1898 में की थी और उसी की वजह से उनकी बेटी की मौत हो गई थी. कहते हैं कि पहले पोलोनियम का नाम रेडियम एफ रखा गया था, लेकिन बाद में इसे बदल कर पोलोनियम-210 कर दिया गया.
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