आइसक्रीम टेस्ट करने के लिए इस शख्स को मिलती है करोड़ों की सैलरी

अमेरिका के जॉन हैरिसन. जॉन दुनियाभर में आइसक्रीम की टेस्टिंग के लिए जाने जाते हैं. जब भी आइसक्रीम का कोई नया फ्लेवर बाजार में आता है तो वो जॉन की जीभ से गुजरकर और उनकी रजामंदी के बाद ही आता है. इस काम के लिए जॉन करोड़ों रूपए की सैलरी लेते हैं.

Update: 2021-09-02 16:55 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क ।  आइसक्रीम! किसे पसंद नहीं होती।   बच्चे, बड़े और बुजुर्ग शायद ही कोई ऐसा हो जो सामने आइसक्रीम देख उसे ठुकरा पाए. बाजार में तरह-तरह के फ्लेवर की आइसक्रीम मौजूद है और आये दिन मार्केट में नए-नए फ्लेवर लॉन्च भी होते रहते हैं. पर क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर ये तरह-तरह के फ्लेवर बाजार में आते कैसे हैं? इन्हें अप्रूवल कौन देता है और आखिर आइसक्रीम के नए फ्लेवर को मार्केट में लाने से पहले किस स्ट्रेटेजी पर काम किया जाता है. तो चलिए आपको बताती हैं कि इन सभी काम के पीछे कौन ऐसा शख्स है जिसकी रजामंदी के बिना मार्केट में कोई आइसक्रीम नहीं आती.

दुनियाभर में आइसक्रीम के कई ब्रांड और फ्लेवर मौजूद हैं. लेकिन इन ब्रांड को सबसे बेहतरीन आइसक्रीम का स्वाद बताने वाला बस एक ही इंसान है, अमेरिका के जॉन हैरिसन. जॉन दुनियाभर में आइसक्रीम की टेस्टिंग के लिए जाने जाते हैं. जब भी आइसक्रीम का कोई नया फ्लेवर बाजार में आता है तो वो जॉन की जीभ से गुजरकर और उनकी रजामंदी के बाद ही आता है. इस काम के लिए जॉन करोड़ों रूपए की सैलरी लेते हैं. 1942 में जन्मे जॉन का आइसक्रीम से पुराना नाता रहा है. जॉन के दादा आइसक्रीम की फैक्ट्री चलाया करते थे. हालांकि तब उन्होंने बतौर आइसक्रीम टेस्टर काम करना शुरू नहीं किया था पर तरह-तरह की आइसक्रीम को चखना और उसे बेहतर बनाने के सुझाव देने कि कला उनमें बचपन से ही विकसित होने लगी थी.
200 मिलियन गैलन से ज्यादा आइसक्रीम टेस्ट की है
जॉन हैरिसन ने 1956 में आसक्रीम बनाने वाली ड्रेयर कंपनी ज्वाइन की. हालांकि जॉन को शुरू में आइसक्रीम टेस्टर का काम नहीं मिला पर उनके दिए गए सुझावों से आइसक्रीम का स्वाद अच्छा होने लगा था. जिसके बाद उन्हें आइसक्रीम फ्लेवर टेस्ट करने का काम मिला. जॉन ने बताया था कि ड्रेयर कंपनी में रहते हुए उन्होंने 200 मिलियन गैलन से ज्यादा आइसक्रीम टेस्ट की है. जॉन ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि वो रोजाना आइसक्रीम के 20 फ्लेवर चखा करते थे. हर फ्लेवर में 3 से 4 ऑप्शन होते थे. इस तरह रोजाना 5 घंटों में वे 60 तरह की आइसक्रीम चखकर वो ये बताते थे कि ये आइसक्रीम मार्केट में ले जाने लायक है या नहीं.
सोने की परत चढ़े चम्मच से करते हैं आइसक्रीम टेस्ट
जॉन जिस चम्मच से आइसक्रीम टेस्ट करते हैं उस पर सोने की परत चढ़ी हुई है ताकि आइसक्रीम का स्वाद प्रभावित न हो. जॉन बताते हैं कि आइसक्रीम टेस्ट करते समय वो उसे पूरा नहीं खाते, बल्कि चखकर थूक देते हैं. जॉन बताते हैं कि वो आइसक्रीम को जीभ पर रखते हैं और फिर उसे पूरे मुंह में घुमाकर थूक देते हैं. बस कुछ ही सेकेंड में वो ये बता देते हैं कि आइसक्रीम में क्या कमी है. अपने अनुभव से जॉन ये बता सकते हैं कि कौन सा शख्स किस आइसक्रीम के फ्लेवर को पसंद करेगा. आइसक्रीम टेस्टिंग में एक्सपर्ट जॉन हैरिसन ने अपनी जीभ का 20 लाख डॉलर का बीमा करवा रखा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि जॉन की जीभ स्पेशल है. उनकी जीभ और स्वादग्रंथी आम आदमी की जीभ से 11.5 प्रतिशत ज्यादा पतली है. जिस कारण वे किसी भी आइसक्रीम का स्वाद बाकी लोगों से ज्यादा बेहतर महसूस कर सकते हैं. साल 2010 में जॉन हैरिसन का रिटारयमेंट हो गया पर आइसक्रीम चखना अब भी जारी है.


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