भारत का सबसे मजबूत किला, 1700 साल पुराना है इस दुर्ग का इतिहास

भारत में बहुत सारे प्राचीन किले हैं, जो की दुनियभर के लोगो को आकर्षित करते है

Update: 2021-08-07 08:42 GMT

भारत में बहुत सारे प्राचीन किले हैं, जो की दुनियभर के लोगो को आकर्षित करते है . जिसे देखने के लिए लोग दूर दूर से आते है. इन किलों का इतिहास और भूगोल इतना रोचक है कि उसे जानने की इच्छा हर किसी की होती है. इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसे किले बारे में बताने जा रहे हैं जिस पर भारत में मौजूद बाकी किलों की अपेक्षा सबसे ज्यादा बार आक्रमण किए गए हैं. यह किला बेहद ही पुराना, लेकिन शानदार है, जो आज भी शान से खड़ा है और जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या लोग आज भी आते है.

हम बात कर रहे हैं राजस्थान के भटनेर किला के बारे में जो राजस्थान के हनुमानगढ़ में स्थित है. आज से करीब 1735 साल पहले यानी 285 ईस्वी में भाटी वंश के राजा भूपत सिंह ने इस किले का निर्माण करवाया था, इसलिए इसका नाम 'भटनेर किला' पड़ा.
पक्की ईंटों और चूने से हुआ था इसका निर्माण
इस किले को 'हनुमानगढ़' के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि साल 1805 में बीकानेर के राजा सूरत सिंह ने यह किला भाटियों से जीत लिया था. उस दिन मंगलवार था और चूंकि मंगलवार का दिन भगवान हनुमान को समर्पित है, इसलिए इसका नाम हनुमानगढ़ रखा गया.
पक्की ईंटों और चूने से निर्मित यह किला प्राचीन समय का सबसे मजबूत किला माना जाता था. तैमूरी राजवंश के शासक तैमूर लंग ने अपनी आत्मकथा तुजुक-ए-तैमूरी में लिखा है कि उसने इससे मजबूत किला पूरे हिन्दुस्तान में नहीं देखा है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस किले पर अकबर से लेकर पृथ्वीराज चौहान तक ने शासन किया है. वहीं अगर विदेशी आक्रमणकारियों की बात करें तो 1001 ईस्वी में महमूद गजनवी ने इसपर कब्जा कर लिया था. इसके अलावा 13वीं सदी में गुलाम वंश के शासक बलबन के चचेरे भाई शेर खां का भी यहां राज रहा. शेर खां की कब्र भी इसी किले में है. वहीं 1398 में यह किला तैमूरलंग के अधीन हो गया था.


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