Solar System के इस ग्रह में 42 साल तक दिन और 42 साल तक रहती है रात, जानें इसके पीछे का कारण
आप सभी ने बचपन में सौरमंडल और वहां मौजूद ग्रह के बारे में तो जरूर पढ़ा और सुना होगा
आप सभी ने बचपन में सौरमंडल और वहां मौजूद ग्रह के बारे में तो जरूर पढ़ा और सुना होगा. हमारा सौर मंडल कई रहस्यों से भरा पड़ा है, लेकिन इंसान केवल अभी तक केवल नौ ग्रहों के बारे में ही जान पाया है. इसी जानकारी के मुताबिक चार ऐसे ग्रह है. जिन्हें हम 'गैस दानव' कहते हैं क्योंकि वहां मिटटी-पत्थर के बजाय अधिकतर गैस हैं. इसी कड़ी में आज हम आपको अरुण ग्रह यानी यूरेनस के बारे में बताने जा रहे हैं.
आपको जानकर हैरानी होगी कि यह सौरमंडल का पहला ऐसा ग्रह है, जिसे टेलिस्कोप से ढूंढा गया था.यह सौरमंडल के आठ ग्रहों में सूर्य से दूरी के आधार पर सातवां सबसे दूर ग्रह है. यूरेनस अपने अक्ष पर करीब 17 घंटे में एक चक्कर पूरा कर लेता .इसका सीधा-सीधा मतलब है कि यूरेनस पर एक दिन मात्र 17 घंटे का ही होता .यहां का एक साल पृथ्वी के 84 साल के बराबर होता है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि अरुण पर 42 साल तक रात और 42 साल तक दिन होता .इसका कारण यह है कि अरुण पर दोनों में से एक पोल यानी ध्रुव लगातार 42 साल तक सूर्य के सामने और दूसरा अंधकार में होता है. यही वजह है कि यह ग्रह बहुत ही ठंडा है क्योंकि यह ग्रह सूर्य से लगभग तीन अरब किलोमीटर दूर है.
इस ग्रह का औसत तापमान -197 डिग्री सेल्सियस होता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, अरुण का न्यूनतम तापमान -224 डिग्री सेल्सियस देखा गया है. जहां पृथ्वी का महज एक ही चंद्रमा है, वही अरुण के कुल 27 प्राकृतिक उपग्रह यानी चंद्रमा हैं. इस ग्रह का मौसम बहुत ही असामान्य रहता .यहां हमेशा तूफान जैसा माहौल बना रहता .यहां हवाएं काफी तेज चलती रहती हैं जो अधिकतम 900 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक पहुंच जाती हैं.
सूर्य के अधिक दूरी होने के कारण इस ग्रह पर सूर्य की किरणों को पहुंचने में दो घंटे 40 मिनट का समय लगता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि अरुण ग्रह पर मीथेन गैस की अधिकता, तापमान और हवा के कारण यहां हीरे की बारिश होती हो.