मुंह का घाव चार हफ्ते में ठीक न हो तो कैंसर का खतरा

Update: 2023-02-17 07:51 GMT

लखनऊ न्यूज़: यदि मुंह के भीतर का घाव तीन से चार सप्ताह बाद भी ठीक नहीं हो रहा है तो संजीदा हो जाना चाहिए. तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. यह कैंसर भी हो सकता है. हालांकि घाव का न भरना दूसरे कारणों से भी हो सकता है. यह सलाह केजीएमयू जनरल सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अभिनव अरूण सोनकर ने दी.

वे जनरल सर्जरी विभाग के 111 वें स्थापना दिवस से पूर्व आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. डॉ. अभिनव अरूण सोनकर ने बताया कि मुंह के किसी भी प्रकार का छाला या जख्म होने पर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. खासतौर पर तम्बाकू, पान, सुपारी खाने वालों को अधिक सजग रहने की जरूरत है. समय पर जांच व इलाज से कैंसर व दूसरी बीमारी पर आसानी से काबू पाया जा सकता है. अफसोस की बात है कि 50 से 60 फीसदी मरीज कैंसर की तीसरी अवस्था में आ रहे हैं.

केजीएमयू सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विजय कुमार ने बताया कि जीभ में बिना किसी चोट के दर्द या बदबू भी कैंसर की एक वजह हो सकती है.

इलाज के बाद दो साल मरीज के लिए अहम: कैंसर का इलाज तीन प्रकार से होता है. कीमोथेरेपी, सर्जरी और रेडियोथेरेपी. बीमारी की गंभीरता के हिसाब से इलाज तय होता है. केजीएमयू रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि कैंसर की सर्जरी के बाद यह सोच लेना गलत होता है कि दोबारा बीमारी नहीं पनप सकती है. पूरे इलाज के बाद दो से तीन साल मरीज के लिए अहम होते हैं. लिहाजा डॉक्टर के संपर्क में रहे. उनकी सलाह पर जांच कराएं. कैंसर की सर्जरी के बाद डॉक्टर की सलाह पर रेडियोथेरेपी कराएं.

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