मालिक और मोहल्ले वालों के साथ घोड़े ने मनाया जन्मदिन, 50 पाउंड का काटा केक

आमतौर पर आपने बच्चों, बुजुर्गो या व्यक्तियों का जन्मदिन मनाते देखा

Update: 2021-03-02 12:47 GMT

आमतौर पर आपने बच्चों, बुजुर्गो या व्यक्तियों का जन्मदिन मनाते देखा, सुना या खुद उस आयोजन में भी भाग लिया होगा, लेकिन बिहार के सहरसा में घोड़े का जन्मदिन मनाया गया. इस मौके पर ना केवल केक काटा गया बल्कि एक शानदार पार्टी दी गई, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने तरह-तरह के पकवानों का लुत्फ उठाया.

स्हरसा के पंचवटी चौक निवासी रजनीश कुमार उर्फ गोलू यादव ने सोमवार की शाम अपने घोड़े चेतक का दूसरा जन्मदिन धूमधाम से मनाया. गोलू अपने बच्चों की तरह चेतक से प्यार करते हैं. सोमवार की सुबह चेतक को नहला कर उसे बर्थडे के लिए तैयार किया गया और शाम को उसके जन्मदिन के मौके पर एक समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें 50 पाउंड का केक काटा गया.
केक पर घोड़े की तस्वीर और उसका नाम था
घोड़े के मालिक गोलू यादव ने बताया कि चेतक हमारे घर का सदस्य है न कि कोई जानवर. हम परिवार के लोग हर साल मिलकर उसका जन्मदिन धूमधाम से मनाते हैं. वे कहते हैं कि एक साल पहले चेतक का पहल जन्मदिन भी धूमधाम से मनाया गया था.चेतक के सामने एक केक रखा गया केक पर घोड़े की तस्वीर तो थी ही उसका नाम भी था. इसके बाद घोड़े के मालिक गोलू ने उस केक को काटा. केक काटने के बाद आतिशबाजी भी की गई थी. इस दौरान लोगों ने जमकर पटाखे जलाए. इस समारोह में बड़ी संख्या में आसपास के लोग इकट्ठे हुए.
आम लोगों से वफादार जानवर हैं
गोलू कहते हैं कि मैंने आज तक अपना जन्मदिन मनाया नहीं है, लेकिन चेतक का बर्थडे हर साल मनाता हूं. उन्होंने कहा कि वे इस चेतक को छह महीने की उम्र में अपने घर ले आए थे. उन्होंने कहा, "मैंने चेतक को अपने बच्चे की तरह पाला है. अपने बच्चों से ज्यादा प्यार दिया है." इस पार्टी में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का खाना रखा गया था. जानवरों के प्रति हो रही हिंसा पर दुख प्रकट करते हुए गोलू कहते हैं कि आज आम लोगों से वफादार जानवर हैं.
लोगों को जानवरों के प्रति प्रेम को लेकर जागरूक करते गोलू यादव ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जानवर को कभी भी जानवर नहीं समझें बल्कि उसे अपने परिवार का सदस्य समझें. उन्होंने लोगों से पशु से प्रेम करने का संदेश दिया. गोलू के पशु प्रेम की इस इलाके में हर तरफ चर्चा हो रही है. लोग कहते हैं कि गोलू आज सहरसा के लिए ही नहीं बिहार के लिए एक आदर्श हैं.


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