यहाँ दोनों समुद्र का पानी साफ-साफ आता है नजर कुदरत का करिश्मा, जानिए इसका रहस्य

यहां मिलकर भी नहीं मिलते दो समंदर हम सभी जानते हैं कि हमारी धरती के 70 फीसदी हिस्से पर सिर्फ पानी ही पानी है. इसमें समुद्र से लेकर बर्फीली चट्टानें और नदियां सभी शामिल है और आप इस बात से भी वाकिफ होंगे कि दुनिया में कुल 5 महासागर है. जिनकी कोई सीमा नहीं है. कहा जाता है कि महासागरो की शुरुआती और अंतिम छोर का पता लगाना असंभव माना जाता है.

Update: 2021-07-29 16:48 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :-   यहां मिलकर भी नहीं मिलते दो समंदर हम सभी जानते हैं कि हमारी धरती के 70 फीसदी हिस्से पर सिर्फ पानी ही पानी है. इसमें समुद्र से लेकर बर्फीली चट्टानें और नदियां सभी शामिल है और आप इस बात से भी वाकिफ होंगे कि दुनिया में कुल 5 महासागर है. जिनकी कोई सीमा नहीं है. कहा जाता है कि महासागरो की शुरुआती और अंतिम छोर का पता लगाना असंभव माना जाता है. इनकी गहराईयों में ना जाने कितने राज़ छिपे है. इन्हीं महासागरो से जुड़ा एक रहस्य हम आपको बताने जा रहे है जिसको जानकर आप निश्चित तौर पर हैरान हो जाएंगे.

हम बात कर रहे हैं कुदरत के उस करिश्मे के बारे में जहां धरती पर दो महासागरों की सीमाएं ऐसी हैं जो आपस में मिलते हुए बिल्कुल साफ अलग-अलग नजर आती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इनका पानी एक दूसरे में कभी मिश्रित नहीं होता है. हिंद महासागर का पानी अलग रहता है और प्रशांत महासागर का अलग.
साफ-साफ दिखता है पानी में अंतर
हिंद महासागर का पानी अलग रहता है और प्रशांत महासागर का अलग रहता है. आप देख सकते हैं कि दोनों महासागरों का पानी अलग-अलग है. एक नीला दिखाई दे रहा है तो एक हल्का हरा नजर आ रहा है. कुछ लोग इस रहस्य को धार्मिक मान्यताओं से जोड़कर देखते हैं तो कुछ लोग इसे ईश्वर का चमत्कार मानते हैं. इसमें जो सबसे खास बात है वह यह है कि दो समुंद्रों के मिलने के बावजूद इनके पानी में अंतर साफ देखा जा सकता है. आइए जानते हैं आखिर क्यों इन दोनों महासागरों का पानी एक दूसरे से नहीं मिलता है.
वैज्ञानिकों की मानें तो दोनों महासागरों के नहीं मिलने की वजह खारे और मीठे पानी का घनत्व, तापमान और लवणता का अलग-अलग होना है. माना जाता है कि जिस जगह पर दोनों महासागर मिलते हैं, वहां झाग की एक दीवार बन जाती है. अब अलग-अलग घनत्व के कारण दोनों एक दूसरे से मिलते तो हैं, लेकिन उनका पानी मिश्रित नहीं होता.
दोनों महासागरों के नहीं मिलने की एक और वजह बताई जाती है. माना जाता है कि अलग-अलग घनत्व के पानी पर जब सूरज की किरणें पड़ती हैं तो उनका रंग बदल जाता है. इससे ऐसा लगता है कि दोनों महासागर मिलते तो हैं, लेकिन उनका पानी एक दूसरे में मिल नहीं पाता.


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