यहां कोरोना से बेखौफ रहते हैं लोग, नहीं होता कोविड गाइडलाइन का पालन, पढ़ें क्या है पूरा मामला
कोरोना से बेखौफ रहते हैं लोग
2019 में ही दुनिया में कोरोना (Corona Virus) ने पूरी दुनिया में लाखों लोगों की जिंदगियां ले ली, और करोड़ों लोग संक्रमण का शिकार हुए. इसके चक्कर दुनिया के कई देश ने लॉकडाउन लगा दिया दौड़ती भागती जिंदगी में धक्क से ब्रेक लग गई. कुछ लोगों के अपने बिछड़े तो कई महान हस्तियों की जान इस कोरोना के कारण चली गई. लेकिन क्या आप जानते हैं दुनिया में एक ऐसी भी जगह रह गई जहां कोरोना अभी तक नहीं पहुंचा.
जी हां, बिल्कुल सही पढ़ा आपने हम बात कर रहे हैं सेंट हेलेना (Saint Helena) द्वीप के बारे में, nzherald.co.nz की खबर के मुताबिक इस जगह पर एक भी केस नहीं आया. सेंट हेलेना की सबसे खास बात यह है कि यहां पर कोविड का कोई भी नियमों का पालन नहीं होता, यहां पर लोग पहले की तरह आम जिंदगी जी रहे हैं. ना तो मास्क, ना ही सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत है.
नेपोलियन की वजह से जाना जाता है ये आइलैंड
अगर सेफ्टी की बात करें तो सिर्फ यहां लोग समय-समय पर हाथ धोते रहते हैं और खांसते हुए मुंह को कोहनी से ढंक लेते हैं. इसके अलावा यहां सेफ्टी के दूसरे तरीके नहीं अपनाए जाते. कोरोना के मामले जीरो होने की वजह से यहां टूरिस्ट्स की भीड़ लगी रहती है. यहां पर लोग पहले की तरह आम जिंदगी जी रहे हैं. ना तो मास्क, ना ही सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत है.
यूके को कोरोना ने बुरी तरह झकझोर कर रख दिया, वहां इस आइलैंड ने समझदारी से महामारी को कंट्रोल कर लिया. जो भी पर्यटक यहां आते हैं, वो आने से 72 घंटे पहले की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट और जाने से पहले भी नेगेटिव रिपोर्ट सब्मिट करते हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये द्वीप मात्र 120 स्क्वायर किलोमीटर में फैला है. साउथ अटलांटिक ओशन के बीच में स्थित इस द्वीप में लगभग पांच हजार से ज्यादा लोग रहते हैं. इस आइलैंड को सबसे ज्यादा नेपोलियन की वजह से जाना जाता है. अंग्रेजी वेबसाइट news.com.au की रिपोर्ट के मुताबिक, ये वही द्वीप है जहां साल 1821 में उसकी मौत हो गई थी.