flying car: उड़ने वाली कार की हुई टेस्टिंग, एक एयरपोर्ट से दूसरे एयरपोर्ट तक पहुंची, जिसने देखा बस देखता रह गया
दुनिया भर में कई लोगों के लिए उड़ने वाली कारें एक ख्वाब की तरह रही हैं लेकिन अब ये ख्वाब कहीं ना कहीं हकीकत में बदलते हुए नजर आ रहा है. हाल ही में एक फ्लाइंग कार की टेस्टिंग की गई और ये कार हवा से बातें करते हुए एक एयरपोर्ट से दूसरे एयरपोर्ट तक पहुंची.
इस हाईब्रिड कार-एयरक्राफ्ट का नाम एयरकार है. इस एयरकार में बीएमडब्ल्यू इंजन लगा हुआ है और ये साधारण पेट्रोल से चलती है. इस कार को बनाने वाले शख्स प्रोफेसर स्टीफन क्लेन का कहना है कि ये कार 8200 फीट की ऊंचाई तक हवा में ट्रैवल कर सकती है.
प्रोफेसर स्टीफन के मुताबिक, इस कार को एयरक्राफ्ट में तब्दील होने में सिर्फ 2 मिनट और 15 सेकेंड्स का समय लगता है. इस दौरान कार के विंग्स साइड से निकल जाते हैं. प्रोफेसर स्टीफन हवा में एयरकार को 170 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ा रहे थे.
प्रोफेसर स्टीफन ने स्लोवाकिया के एक एयरपोर्ट से उड़ान भरी, उन्होंने इस एयरकार को उड़ाते हुए कानों में हेडफोन लगाया और अपनी कार की छत को बंद कर दिया था जिससे ये कार एक कॉकपिट में तब्दील हो गई थी. 8200 फीट की ऊंचाई पर उड़ते हुए उन्होंने 35 मिनटों बाद एक एयरपोर्ट पर लैंड किया.
इस कार में दो लोग यात्रा कर सकते हैं और ये एयरकार एक बार में 200 किलो वजन तक का भार झेल सकती है. हालांकि इस कार को टेकऑफ और लैंड करने के लिए एक रनवे की जरूरत होती है.
एयरकार को बनाने वाली कंपनी क्लेन विजन का कहना था कि इस प्रोटोटाइप को तैयार करने में दो साल से कम का समय लगा है और इसमें 2 मिलियन यूरो से कुछ कम का खर्च आया है. कंपनी का कहना है कि सिर्फ अमेरिका से ही इस एयरकार को लेकर काफी डिमांड देखने को मिल रही है.
गौरतलब है कि इस एयरकार को लेकर जबरदस्त उत्साह बना हुआ है. मेनस्ट्रीम पॉपुलर कल्चर में भी उड़ने वाली कारों को काफी सकारात्मक नजरिए से देखा जाता रहा है. इसे वर्तमान में ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव करने के विकल्प के तौर पर भी देखा जा रहा है.
साल 2019 में कंस्लटेंट कंपनी मॉर्गन स्टैनली ने कहा था कि फ्लाइंग कारों का सेक्टर साल 2040 तक डेढ़ ट्रिलियन डॉलर्स का क्षेत्र हो सकता है. वही एक इंडस्ट्री इवेंट में ह्यूंडई मोटर्स के यूरोप चीफ एक्जक्यूटिव ने भी इन्हें भविष्य का अहम हिस्सा बताया था.
हालांकि इस मामले में एवियोनिक्स एंड एयरक्राफ्ट के सीनियर रिसर्च फेलो डॉक्टर स्टीफन राइट ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि ये शानदार है लेकिन मुझे इन एयरकारों के सर्टीफिकेशन को लेकर कई संदेह हैं. एयरप्लेन तो लोग बना लेते हैं लेकिन इससे भी जरूरी एक बात है जिसपर मामला अटकने की संभावनाएं होती हैं.
उन्होंने आगे कहा कि फ्लाइंग कारें जो बिना किसी एक्सीडेंट के लगातार हजारों घंटों तक उड़ती रहें, इस स्तर की नियमितता किसी भी फ्लाइंग कार में जरूरी होगी. जैसा आज के दौर में कारों के मामले में होता है. इसलिए मैं ये जानने को लेकर काफी उत्सुक हूं कि इन कारों की सर्टीफिकेशन की प्रक्रिया कैसी होती है.