वीजा खत्म होने की परिवार को मिली सजा, अनजान द्वीप पर 3 साल तक कैद किया, अब झुकी ऑस्ट्रेलियाई सरकार
झुकी ऑस्ट्रेलियाई सरकार
ऑस्ट्रेलिया में मुश्किलें झेल रहे तमिल परिवार को आखिरकार इंसाफ मिलता दिख रहा है. इस देश के सख्त इमिग्रेशन कानूनों की वजह से तमिल दंपति अपने दो मासूम बच्चों के साथ तीन साल तक ऑस्ट्रेलिया से दूर एक दुर्गम द्वीप पर कैद था. अब इस परिवार को इमिग्रेशन पर फैसला लिए जाने तक एक साथ पर्थ में रहने की इजाजत दे गई है. (Tamil Murugappan Family in Australia will be reunited in Australian mainland after criticism)
तीन साल की इस कैद के चार साल की थारनिका मुरुगप्पन की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. निमोनिया और ब्लड इंफेक्शन होने के बाद उसे अब पर्थ के अस्पताल में भर्ती कराया गया है और परिवार को भी साथ रहने की अनुमति दे दी गई है. इस मासूम बच्ची की बिगड़ती तबीयत के चलते लोगों ने समर्थन में आवाज उठानी शुरू कर दी थी. ऑस्ट्रेलिया के इमिग्रेशन मंत्री एलेक्स हॉक ने बताया कि मुरुगप्पन परिवार के मुखिया नादेस और बड़ी बेटी कोपिका (6 साल) को भी पर्थ भेज दिया गया है, जहां वे अपनी बेटी और मां प्रिया से मिल पाए.
एक हफ्ते से ज्यादा अलग था परिवार
मुरुगप्पन परिवार एक हफ्ते से ज्यादा अलग-अलग रहने को मजबूर था. ऑस्ट्रेलिया में उन्हें एक सामुदायिक डिंटेशन में रखा जाएगा. यह जगह पर्थ के उपनगर में सरकारी घर हैं. यहां उन पर निगरानी रखी जाएगी. हालांकि वे कहीं भी आ-जा सकते हैं. थारनिका का इलाज चलने तक वे यहीं पर रहेंगे. थारनिका को निमोनिया हो गया था.
वीजा खत्म होने की मिली सजा
साल 2018 में मुरुगप्पन परिवार का वीजा खत्म होने के बाद प्रशासन ने जबरदस्ती उन्हें बिलोएला (Biloela) शहर में स्थित उनके घर से निकाल दिया गया था. विरोध करने पर उन्हें ऑस्ट्रेलिया के क्षेत्राधिकार में आने वाले क्रिसमस आइलैंड (Christmas Island) भेज दिया गया. यहां उन पर रोजाना सुरक्षा गार्डों द्वारा नजर रखी जाती थी.
जबरदस्ती विमान में चढ़ाने की कोशिश
2019 में सरकार ने उन्हें दो घंटे में अपना सामान पैक करके वापस श्रीलंका जाने को कह दिया था. बाद में जबरदस्ती उन्हें श्रीलंका जाने वाले विमान में चढ़ाने की कोशिश की गई. घबराए नादेस ने पूरी घटना का वीडियो बनाने के साथ अपने वकील को फोन कर दिया. इसके बाद हुए हंगामे के चलते प्रशासन को विमान को वापस बुलाने का आदेश देना पड़ा.
सोशल मीडिया पर चली मुहिम
मुरुगप्पन परिवार को जबरन देश से बाहर निकाले जाने के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम शुरू हो गई. बिलोएला के स्थानीय लोगों के अलावा सिडनी, मेलबर्न और अन्य शहरों से भी उन्हें समर्थन मिलने लगा. अब ऑस्ट्रेलियाई सरकार के इस फैसले का लोगों ने स्वागत किया है. हालांकि उनका कहना है कि इस परिवार को तुरंत अपने घर लौटने की अनुमति मिलनी चाहिए.