37.8 करोड़ में बिकी प्रख्यात कलाकार अमृता शेरगिल की पेंटिंग, दूसरी सबसे मंहगी भारतीय कलाकृति

अमृता शेरगिल प्रख्यात भारतीय कलाकार थी। बचपन से ही संगीत व अभिनय इनके साथी बन गए थे। ये बहुत ही प्रतिभावान कलाकार थी

Update: 2021-08-05 07:09 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमृता शेरगिल प्रख्यात भारतीय कलाकार थी। बचपन से ही संगीत व अभिनय इनके साथी बन गए थे। ये बहुत ही प्रतिभावान कलाकार थी। भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण ने इन्हें भारत के नौं सर्वश्रेष्ठ कलाकारों में शामिल किया है। महज आठ वर्ष की आयु में ही ये वायलिन और पियानों बजाने के साथ ही कैनवास पर भी हाथ आजमाने लगी थी। इनकी शिक्षा भले ही पेरिस में हुई लेकिन इनका मन सदैव भारतीय रहा और वहां से आर्ट की शिक्षा लेने के बाद ये जल्द ही भारत लौट आई। मात्र 22 वर्ष की आयु में ही ये एक तकनीकी तौर पर भी कलाकार बन चुकी थीं और अपनी असामान्य प्रतिभा के कारण उनमें एक कालाकार के सारे गुण मौजूद थे। जब 1941 में ये अपने पति के साथ लाहौर चली गई। यहां इनकी पहली एकल प्रदर्शनी होनी थी लेकिन अचानक बहुत बीमार होने के कारण ये प्रख्यात प्रतिभावान कलाकार मात्र 28 वर्ष की आयु में शून्य में विलीन हो गई। हाल ही में अमृता शेरगिल की पेंटिंग "इन द लेडीज एनक्लोजर", सैफ्रनआर्ट द्वारा नीलामी कराई गई। जिसमें इनकी पेंटिंग 37.8 करोड़ रुपये में बिकी और इसी के साथ वह दुनिया में दूसरी सबसे मंहगी भारतीय कलाकृति बन गई है।

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इससे पहले सबसे महंगी पेंटिंग का खिताब 

इसी साल कालाकार वी एस गायतोंडे द्वारा बनाई गई 1961 की पेंटिंग 39.98 करोड़ रुपये में बिकी थी। यह कलाकृति वैश्विर स्तर पर अब तक की सबसे महंगी भारतीय कलाकृति है। जब अमृता शेरगिल भारत वापस आई तो इसके कुछ सालों बाद उनके द्वारा 1938 में 'ऑयल ऑन कैनवस' पर बनाई गई पेंटिंग ने भी एक वैश्विक कीर्तिमान स्थापित किया है।

अमृता शेरगिल अपने विवाह के बाद पुश्तैनी घर गोरखपुर में बस गई थी। यह पेंटिंग यहीं उनके गोरखपुर में बनाई गई थी। इस पेंटिंग में खेत में कुछ महिलाओं को दर्शाया गया है। सैफ्रनआर्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सह संस्थापक दिनेश वजीरानी ने एक बयान में कहा, ''अमृता शेरगिल की बेहतरीन पेंटिंग कीर्तिमान स्थापित करने वाली बिक्री से एक कलाकार के रूप में उनके स्तर का पता चलता है और यह उनकी प्रतिभा तथा कौशल का प्रमाण है।''

 उन्होंने यह भी कहा कि, ''इस कलाकृति में एक कलाकार के रूप में उनके विकास की झलक मिलती है और यह कलाकार के रूप में कई वर्षों की गई तपस्या की परिणति है।'' वजीरानी ने कहा कि यह पेंटिंग शेरगिल द्वारा बनाई गई दुर्लभ कलाकृति है।''


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