ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर पहनते हैं नीले या हरे रंग का कपड़ा, क्या आप जानते हैं क्यों?

डॉक्टर को धरती के भगवान के बराबर समझा जाता है

Update: 2021-03-29 14:43 GMT

डॉक्टर को धरती के भगवान के बराबर समझा जाता है. वे हमेशा मरीजों की सेवा को अपना प्रथम कर्तव्य मानते आए है. लेकिन क्या आपने कभी एक चीज गौर की है डॉक्टर हमेशा ऑपरेशन के दौरान हरे या नीले रंग का लिबास ही क्यों पहनते हैं?

अगर हम गौर से देखें तो ऑपरेशन थिएटर में या फिर अस्पतालों के कमरों में पर्दे भी हरे या नीले रंग के होते हैं. वहीं मास्क भी हरे रंग या नीले रंग के होते हैं. ऐसे में हर किसी के मन में ये सवाल तो उठता ही है कि आखिर इन दो रंगों में ऐसा क्या है जो खास है?
क्यों पहनते हैं डॉक्टर्स ऐसे कपड़े
अगर नहीं तो चलिए आज सीधा जान ही लीजिए कि आखिर क्यों Doctors ये दो ही रंग के कपड़े ऑपरेशन के दौरान पहनते हैं, किसी और रंग के क्यूं नहीं…! ऐसा कहा जाता है कि पहले डॉक्टरों से लेकर अस्पताल के सभी कर्मचारी सफेद कपड़े पहने रहते थे, लेकिन साल 1914 में एक प्रभावशाली डॉक्टर ने इस पारंपरिक ड्रेस को हरे रंग में तब्दील कर दिया.
ऐसा भी कहा जाता है कि ऑपरेशन के समय डॉक्टर हरे या नीले रंग के कपड़े इसलिए पहनते हैं, क्योंकि वह लगातार खून और मानव शरीर के अंदरूनी अंगों को देखकर मानसिक तनाव में आ सकते हैं. हरा रंग देखकर उनका दिमाग उस तनाव से मुक्त हो जाता है.
नीले और हरे में क्या है खास
इस बात को अगर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो हमारी आंखों का जैविक निर्माण कुछ इस प्रकार से हुआ है कि ये मूलतः लाल, हरा और नीला रंग देखने में सक्षम हैं. इन रंगों के ही मिश्रण से बने अन्य करोड़ों रंगों को इंसानी आंखें पहचान सकती हैं, लेकिन इन सभी रंगों की तुलना में हमारी आंखें हरा या नीला रंग ही सबसे अच्छी तरह देख सकती हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हमारी आंखों को हरा या नीला रंग उतना नहीं चुभता, जितना कि लाल और पीला रंग आंखों को चुभते हैं. इसी कारण हरे और नीले रंग को आंखों के लिए अच्छा माना जाता है. यही वजह है कि अस्पतालों में पर्दे से लेकर कर्मचारियों के कपड़े तक हरे या नीले रंग के ही होते हैं, ताकि अस्पताल में आने और रहने वाले मरीजों की आंखों को आराम मिल सके, उन्हें कोई परेशानी न हो.
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