बवाल! टाई पहनने को लेकर स्पीकर से सांसद की हुई बहस, नहीं मानी ये बात तो दिखाया बाहर का रास्ता

वह सदन में टाई के बजाए जनजाति से जुड़ा एक लॉकेट पहनकर आए थे.

Update: 2021-02-10 03:43 GMT

वेलिंगटन: न्यूजीलैंड (New Zealand) की संसद से एक आदिवासी सांसद को केवल इसलिए बाहर निकाल दिया गया, क्योंकि उन्होंने टाई (Tie) पहनने से इनकार कर दिया था. स्पीकर ट्रेवर मलार्ड (Trevor Mallard) ने आदिवासी सांसद राविरी वेइटिटि (Rawiri Waititi) को नसीहत देते हुए कहा कि यदि उन्हें सरकार से सवाल पूछने हैं, तो उन्हें टाई पहननी होगी. जब सांसद से इससे इनकार किया तो उन्हें सदन से बाहर निकाल दिया गया. स्पीकर के इस फैसले की काफी आलोचना हो रही है.

स्पीकर (Speaker) ने कुछ दिन पहले भी राविरी वेइटिटि (Rawiri Waititi) से कहा था कि यदि वे सरकार के किसी मंत्री से सवाल पूछना चाहते हैं तो उन्हें नियमों के मुताबिक टाई (Tie) पहननी होगी. राविरी माओरी आदिवासी जनजाति (Maori Tribe) से ताल्लुक रखते हैं और माओरी पार्टी के सदस्य हैं. वह सदन में टाई के बजाए जनजाति से जुड़ा एक लॉकेट पहनकर आए थे. स्पीकर ने उन्हें अपने चैम्बर में भी बुलाकर समझाया की टाई पहनना जरूरी है, लेकिन उन्होंने इससे साफ मना कर दिया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, संसद से निकाले जाने के बाद राविरी ने कहा कि हम जनजातिय लोगों को अपनी परंपरा से प्यार है. हम यही लॉकेट (tanga) पहनेंगे. हमारे लिए टाई गुलामी का प्रतीक है और हम इस पर ऐतराज जताते रहेंगे. उन्होंने स्पीकर ट्रेवर मलार्ड के व्यवहार को भी अनुचित करार दिया है. सांसद का कहना है कि टाई न पहनने पर उन्हें सवाल पूछने से रोका जाना उनके अधिकारों का उल्लंघन है.
मंगलवार को संसद का प्रश्नकाल चल रहा था. राविरी ने एक सवाल पूछना चाहा, लेकिन स्पीकर ने उन्हें रोकते हुए कहा कि आप बैठ जाइए. सवाल केवल वही सांसद पूछ सकता है जिसने टाई पहनी हो. इसी को लेकर दोनों के बीच बहस हुई, जिसके बाद स्पीकर माओरी सांसद को सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया. बाहर निकाले जाने से पहले राविरी ने कहा कि यह मुद्दा टाई का नहीं, हमारी सांस्कृतिक पहचान का है.
राविरी का कहना है कि टाई पहनने का नियम पुराना हो चुका है. मैं जो पहने हुए हूं, मेरे और न्यूजीलैंड के कई लोगों के लिए वही टाई है. इसी सदन में मैक्सिको मूल का एक सांसद है, जो अपनी पारंपरिक टाई पहनता है. उस पर किसी को दिक्कत क्यों नहीं है. हम आदिवासियों को ही क्यों रोका जाता है? गौरतलब है कि न्यूजीलैंड में कई जनजातियां हैं. जिनमें से माओरी भी एक है. इसे मूल रूप से पोलैंड का माना जाता है. इसकी जनसंख्या करीब 7 लाख 75 हजार 836 है.
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