ISS में घुल सकेंगे कपड़े, नासा ने किया खास करार

ISS में घुल सकेंगे कपड़े

Update: 2021-06-24 11:46 GMT

दुनिया की तमाम स्पेस एजेंसियां नए अंतरिक्ष अभियानों के लिए प्रयास कर रहे हैं. इसमें नासा (NASA), रूस की रोसकोसमोस और चीन की अंतरिक्ष एजेंसियां भी शामिल हैं. इसके लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में जापान, नासा, रूस और यूरोपीय देशों सहित दूसरे देश भी प्रयोग कर रहे हैं. इसी कड़ी में नासा ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में कपड़ों की धुलाई के लिए एक डिटर्जेंट ब्रांड (Detergent Brand)से करार किया है. हो सकता है कि जल्द ही इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में अंतरिक्ष यात्रियों को अपने कपड़े धोने का मौका मिल सके.

किससे किया है करार
नासा ने डिटर्जेंट ब्रांड टाइड से करार किया है जो ऐसे लॉन्ड्री समाधान पर काम कर रहा है जिससे टनों की तादात में कपड़े खराब होने से बच जाएंगे क्योंकि अंतरिक्ष में धुलाई की सुविधा नहीं हैं. डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार टाइड कंपनी ने नासा के साथ स्पेस एक्ट समझौता किया है जिसे नासा अंतरिक्ष में डिटर्जेंट और दाग निकालने वाले प्रयोग स्पेस स्टेशन में इस साल के अंत में और अगले साल भेजेगा.
ये होता है नुकसान
डिटर्जेंट कंपनी की ओर से भेजे जाने वाले कार्गो में अपघटित हो पाने वाला डिटर्जेंट सहित, पोंछे और दाग छुटाने वाले पेन भेजे जाएगें. अभी तक किसी तरह के सफाई सुविधा ना होने के कारण हर यात्री के साथ करीब 150 पाउंड के कपड़े आईएसएस में भेजने पड़ते थे. नया स्पेस डिटर्जेंट अंतरिक्ष अभियानों में सफाई के साथ बदबू, और दाग हटाने की समस्याओं का समाधान करने के लिए खास तौर पर डिजाइन किया गया है.
धुलाई की जरूरत क्यों
अंतरिक्ष में यात्रियों को रोजाना दो घंटे तक कसरत करना होता है जिससे वे मांसपेशियों और हड्डियों में भारहीनता की वजह से आने वाले प्रभावों से बचे रह सकें. इसकी वह से उनके कपड़ों में पसीने की बदबू आने लगती है और उन्हें अपने कपड़े कचरे में फेंकने पड़ते हैं. इन प्रयोगों से इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है.
क्या फायदा होगा प्रयोगों से
टाइड एक मिशन पीजी टाइड प्रयोग भी करेगा जिसमें कम गुरुत्व हालात में क्लीनिंग सॉल्यूशन के स्थायित्व को देखने के लिए क्रू सदस्य परीक्षण करेंगे. इसके अलावा क्रू सदस्य इस प्रयोग पर अंतरिक्ष के विकिरण का प्रभाव देखेंगे. इस प्रयोग के नतीजे कंपनी को अंतरिक्ष में उपयोग के लिए ज्यादा कारगर धुलाई उत्पादों को विकसित करने में सहायता करेंगे. इतना ही नहीं इन प्रयोगों के नतीजे धरती के उत्पादों को भी बेहतर बनाने में मददगार हो सकते हैं.
और यह इरादा भी
इसके अलावा नासा और टाइड के शोधकर्ता इस बात का भी अध्ययन करना चाह रहे हैं कि कैसे धुलाई ईकाइयों का इन डिटर्जेंट को ग्रह आवासों के साथ एकीकृत कर भविष्य में चंद्र और मंगल अभियानों के लिए उपयोग में लाया जा सकता है. टाइट की पेरेंट कंपनी प्रोक्टर एंड गैम्बल डिटर्जेंट की पहली खेप दिसंबर में भेजेगी और अंतरिक्ष में उसकी कारगरता और प्रतिक्रियाओं का अध्ययन करेगी. इसके बाद अलगे साल मई में वह दाग छुटाने वाले पेन और पोंछे अंतरिक्ष यात्रियों को परीक्षण के लिए भेजेगी.
इसी बीच कंपनी एक खास वाशर ड्रायर कॉम्बो विकसित करने पर भी काम कर रही है जो चंद्रमा और मंगल ग्रह पर कम से कम पानी और डिटर्जेंट के साथ उपयोग में ला जा सके. इस तरहके और भी प्रयोग हैं जिन पर शोधकार्य चल रहा है जो मंगल और चंद्रमा के हालात में जीवन जीना सुगम्य बना सकें.
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