बच्चों ने सीखा टीम वर्क, स्नैक गेम के जरिए मिलकर काम करने समझाया गया तरीका
एक वक्त था जब स्कूलों में सिर्फ किताबें पढ़ाई जाती थी. बाकी शिक्षा बच्चे अपने घर-परिवार के में रहकर सीख जाते थे
एक वक्त था जब स्कूलों में सिर्फ किताबें पढ़ाई जाती थी. बाकी शिक्षा बच्चे अपने घर-परिवार के में रहकर सीख जाते थे. बड़े-बुजुर्ग और भरे-पूरे परिवार में छोटी से बड़ी हर सीख बच्चों को दी जाती थी. लेकिन अब एकल परिवार में ऐसा संभव नहीं हो पाता. ऐसे में अच्छी बात यह है कि आजकल के स्कूल एक्स्ट्रा ऐक्टिविटी के नाम पर उन तमाम चीजों की सीख बच्चों को देते हैं जो उनके भविष्य और व्यवहार के लिए ज़रूरी है. जिसकी समझ उन्हें घर में सीमित लोगों के बीच रहकर शायद ना हो पाए. ऐसी ही एक स्कूल ऐक्टिविटी का वीडियो वायरल हो रहा है जहाँ बच्चे टीम वर्क सीख रहे हैं.
ट्विटर अकाउंट @TansuYegen पर शेयर वीडियो में स्कूली बच्चे स्नेक गेम खेलते नजर आ रहे हैं. इस स्कूल ऐक्टिविटी के जरिये बच्चों को टीम वर्क की सीख दी जा रही है. कैसे किसी काम को अंजाम देने के लिए एकजुट होना जरूरी होता है, ये ऐक्टिविटी के ज़रिए बच्चों को सिखाया गया. स्कूल में बच्चों को दी जा रही ऐसी शिक्षा काबिले तारीफ है. वीडियो को करीब 5 लाख व्यूज़ और 14 हज़ार के पार लाइक्स मिले.
स्कूल ऐक्टिविटी के जरिए बच्चों ने सीखा टीम वर्क, स्नैक गेम के जरिए मिलकर काम करने समझाया गया तरीका
स्कूली छात्रों ने टीम के साथ खेला स्नेक गेम
सोशल मीडिया पर वायरल स्कूल के वीडियो में ढेर सारे स्कूली बच्चे स्नेह गेम खेलते नजर आ रहे हैं. लेकिन ये गेम वो किसी मोबाइल कंप्यूटर या सिस्टम पर नहीं खेल रहे. बल्कि खुद को ही ऑब्जेक्ट बनाकर बच्चे मिलकर इस गेम को अंजाम दे रहे हैं. जहाँ एक एक कर बच्चे आगे बढ़ते हैं गोल गोल घूमते है और एक एक बच्चे को अपने साथ लेकर उसने एक बड़ा होता जाता है और ये रेल आगे बढ़ती रहती है. बच्चों की ऐक्टिविटी को देखकर आपको कुछ याद आया? अगर आप 30 के पार है तो बेशक आप ने अपने बचपन में छोटे वाले फ़ोन या फिर ₹150 वाले वीडियो गेम में इसे जरूर खेला होगा.
स्कूल ऐक्टिविटी के ज़रिए शिक्षा का बेहतरीन तरीका
स्कूल ऐक्टिविटी के जरिए बच्चों को सिखाए जा रहे ऐसे गेम्स वाकई काबिलेतारीफ है. ऐसे में बच्चे टीम वर्क तो सीखेंगे ही साथ ही साथ एकाकी होते जा रहे हैं माहौल में उन्हें एकजुट होकर किसी काम को अंजाम देने और मिलकर खेलने का जो आनंद है उस से भी परिचित हो पाएंगे. एक वक्त था जब बच्चों को खुश होने के लिए मौज मस्ती करने के लिए किसी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट की जरूरत नहीं होती थी. घर परिवार, दोस्तों या मोहल्ले के बच्चों के साथ खेलकर वो अपना पूरा एंटरटेनमेंट करते थे. फिजिकल ऐक्टिविटी भी जबरदस्त होती थी जो उनकी सेहत के लिए अच्छी होती थी.