नई दिल्ली (आईएएनएस)| मुंबई की एक विशेष अदालत ने शनिवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को बैंक अधिकारियों और वीडियोकॉन ग्रुप से जुड़े एक ऋण धोखाधड़ी मामले में सोमवार तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है। दोनों को सीबीआई ने अदालत में पेश किया था और उनकी हिरासत की मांग की थी। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि चंदा कोचर ने आपराधिक साजिश रची और छह अलग-अलग कंपनियों को 1800 करोड़ रुपये का कर्ज जारी किया। कोचर ने अन्य बैंकों पर ऋण देने के लिए दबाव डाला।
शिकायत मिलने के बाद, सीबीआई द्वारा जनवरी 2019 में मुंबई शाखा में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। जांच एजेंसी ने कोचर के खिलाफ आईपीसी की धारा 409 लगाने के लिए एक आवेदन भी दायर किया था। सीबीआई के एक अधिकारी के अनुसार, चंदा कोचर, उनके पति और वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत के खिलाफ जनवरी 2019 में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर गिरफ्तारियां की गईं।
नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भी प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया था। 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का ऋण मिलने के महीनों बाद धूत ने कथित तौर पर नूपावर में करोड़ों रुपये का निवेश किया।