83 साल की उम्र में भी काम कर रहे ब्रायन शॉर्ले, पत्नी को खोने के बाद से लगातार जाते हैं काम पर
जब वह सिर्फ 15 साल के थे. जब परिसर को एक शॉपिंग सेंटर में बदल दिया गया तो उन्होंने कस्टमर सर्विसेज में काम करने के लिए फिर से प्रशिक्षण लिया
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ब्रिटेन के सबसे समर्पित कर्मचारी (Most Dedicated Worker) ने एक ही कंपनी में बिना एक दिन भी छुट्टी लिए करीब 70 साल पूरे कर लिए हैं. ब्रायन शॉर्ले (Brian Chorley) ने ओरिजनल क्लार्क्स (Clarks) शूज़ फैक्ट्री में 1953 में काम करना शुरू किया, जब वह सिर्फ 15 साल के थे. जब परिसर को एक शॉपिंग सेंटर में बदल दिया गया तो उन्होंने कस्टमर सर्विसेज में काम करने के लिए फिर से प्रशिक्षण लिया.
83 साल की उम्र में भी काम कर रहे ब्रायन शॉर्ले
ब्रायन शॉर्ले की उम्र अब 83 साल की हो गई है और अभी भी रिटायर होने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने बताया कि 95 वर्षीय डेविड एटनबरो (David Attenborough) उनके आदर्श हैं. ब्रायन के अभी छह नाती-पोते हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने अभी-अभी एक स्वास्थ्य जांच कराई, जिसमें मैं पास हो गया हूं और मैं जब तक कर सकता हूं काम करता रहूंगा. मैं डेविड एटनबरो की तरह बनना चाहता हूं.
पत्नी को खोने के बाद से लगातार जाते हैं काम पर
क्लार्क्स कंपनी में काम करने वाले ब्रायन शॉर्ले ने आगे कहा, 'मैंने अपनी पत्नी को आठ साल पहले खो दिया था इसलिए मेरा घर पर मन नहीं लगता. मैं बाहर रहना चाहता हूं, मैं लोगों को देखना चाहता हूं और मुझे सिर्फ काम करना पसंद है. मैं पूरे दिन एक कुर्सी पर बैठना नहीं चाहता, यह उबाऊ है. मैं हमेशा काम करने के लिए तत्पर रहता हूं.' ब्रायन ने स्कूल की छुट्टियों में अपने परिवार के लिए कुछ अतिरिक्त पैसे कमाने के लिए समरसेट के स्ट्रीट में सी-एंड-जे क्लार्क (C&J Clark factory) कारखाने में नौकरी की थी.
पिता ने मुझे 15 साल की उम्र से ही काम करने के लिए प्रेरित किया
उन्होंने बताया, 'मेरे पिता ने कहा बेटा, तुम 15 साल के हो और स्कूल की छुट्टियां हैं, तुम्हें काम पर जाना चाहिए और मैं इसे करना चाहता था. युद्ध के बाद हम काफी गरीब थे और पिताजी सेना में थे. मैं काम पर जाना चाहता था और कुछ पैसे कमाना चाहता था. स्कूल से ऐसी जगह जाना भारी पड़ रहा था. मुझे अपना पहला भूरा लिफाफा आज भी याद है. सप्ताह में 45 घंटे काम करने के बाद, मैंने दो पाउंड और तीन शिलिंग कमाए. मैंने इसका एक पाउंड मां को दिया था.'