जरा हटके: बिना गर्भाशय बच्चे का जन्म नहीं हो सकता, हम सभी जानते हैं. लेकिन कुछ महिलाएं बिना गर्भाशय के भी पैदा होती हैं. सामान्य तौर पर वे बच्चे पैदा नहीं कर सकतीं. क्योंकि बच्चा तो गर्भाशय में ही पलता है. और अगर वह जगह ही नहीं तो फिर पैदा कैसे होगा? ब्रिटेन की रहने वाली 31 साल की लिज गोल्डमैन को भी यही दिक्कत थी. वह मेयर-रोकिटान्स्की-कुस्टर-हॉसर (MRKH)नामक सिंड्रोम के साथ पैदा हुईं. जिसका अर्थ है कि वह बिना यूटरस के थीं. लेकिन साइंस की दुनिया में चमत्कार होते रहे हैं. लिज को भी एक चमत्कार का लाभ मिला और आज वह प्रेग्नेंट हैं. उन्होंने शब्द हैं, मेरे अंदर पल रहा यह बच्चा आशा की किरण है.
मेट्रो की रिपोर्ट के मुताबिक, लिज एक दुर्लभ स्थिति का सामना कर रही थीं. 5000 से ज्यादा महिलाओं में से एक को ही ऐसी समस्या आती है. लिज ने बताया, मुझे 14 साल की उम्र में MRKH का पता चला था. बाद में डॉक्टरों ने कहा, तुम कभी मां नहीं बन सकती क्योंकि तुम बिना गर्भाशय के पैदा हुई हो. मुझे यकीन हो चला था कि कभी भी अपने बच्चे को जन्म नहीं दे पाऊंगी. लेकिन अंदर ही अंदर एक सपना था, काश यह सबकुछ बदल जाता. फिर एक दिन अचानक पता चला कि स्वीडन में पहला गर्भ प्रत्यारोपण किया गया है, जो सफल है. इसने मेरी उम्मीदों को चार चांद लगा दिए. फिर अलबामा में भी ऐसा ही एक केस नजर आया. मैने जाकर देखा और तुरंत लगा कि आवेदन कर देना चाहिए. मैंने अपने पति से बात की और दिसंबर 2020 में आवेदन कर दिया.
डॉक्टरों ने बताया कि आपको किसी और का गर्भाशय लेना होगा. आमतौर पर कोई रिश्तेदार या मित्र अपना यूटरस दान कर सकता है. कई देशों में मृत लोगों का यूटरस यूज किया जाता है. लेकिन लिज को उसकी बहन का यूटरस मिल गया. लिज ने बताया कि यह काफी मुश्किल दौर था. हमने आईवीएफ के तीन ट्रीटमेंट लिए. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. बाद में यूटरस ट्रांसप्लांट किया गया. इस पर 25000 पाउंड यानी तकरीबन 26 लाख रुपये का खर्च आया. गनीमत रही कि पूरा भुगतान चैरिटी वॉम्ब ट्रांसप्लांट यूके ने किया. आठ महीने बाद मेरी सर्जरी हुई और यूटरस ट्रांसप्लांट हुआ. आज मैं 30 हफ्ते की प्रेग्नेंट हूं. और कुछ दिनों बाद अपने पहले बच्चे को जन्म दूंगी.
लिज कहती हैं, गर्भाशय प्रत्यारोपण सर्जरी और रिकवरी कठिन है! आप न केवल पेट की एक बड़ी सर्जरी से उबर रहे हैं बल्कि आपके शरीर को भारी मात्रा में इम्यूनोसप्रेसेन्ट भी दिए गए हैं. इसके बावजूद मैं काफी उत्साहित हूं. मुझे याद है कि ऑपरेशन के बाद जैसे ही मेरी नींद खुली, सबसे पहले मैंने यही सवाल किया, क्या मेरे पास गर्भाशय है? क्या यह सफल रहा? और हां सुनकर खुशी में मेरी आंखें छलक आईं. रास्ते में कुछ बाधाएं आईं, लेकिन मुझे बस खुद को याद दिलाते रहना था कि मेरे यूटरस में मेरा बच्चा है, जिसके बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था.
इंस्टाग्राम और फेसबुक पर अपनी जर्नी शेयर कर लिज ने कहा, यूटरस ट्रांसप्लांट के पांच दिन बाद ही मेरा प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजीटिव आ गया. मुझे भरोसा नहीं हो रहा था. मैं इतनी उत्साहित थी कि मैंने लगभग 50 परीक्षण किए. मैं बिना गर्भाशय की थी और अब मेरे पेट में मेरा बच्चा पल रहा था. लेकिन यह खुशी ज्यादा दिन नहीं रही और एक हफ्ते के कुछ समय बाद ही गर्भपात हो गया और हमारी खुशियां तबाह हो गईं. लेकिन फिर 3 महीने बाद मैं प्रेग्नेंट हुई और वेलेंटाइन डे के दिन टेस्ट किया तो रिजल्ट पॉजीटिव था.